नई दिल्ली/गाजियाबाद: इंदिरापुरम की शिप्रा सनसिटी में पैसे लेकर घर जाकर वैक्सीन लगाने के दौरान पकड़े गए युवक-युवती पर स्वास्थ विभाग की संस्तुति के बिना कार्रवाई अधर में लटक गई थी. पुलिस ने शिकायत ना मिलने पर दोनों आरोपियों को छोड़ दिया था. जबकि, मजिस्ट्रेट पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर स्वास्थ विभाग को भेज चुके थे. इस पूरे मामले को लेकर अब टीम शक्ति अन्यान्य निवारण ट्रस्ट ने नाराजगी जताई है.
मोदीनगर की टीम शक्ति अन्याय निवारण ट्रस्ट की अध्यक्षा दीपा त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि गाजियाबाद की शिप्रा सनसिटी सोसाइटी में करीब 1 माह से रुपये लेकर घर में आकर वैक्सीन लगाने वाले युवक और युवती को ग्राहक बनकर पार्षद संजय सिंह ने पकड़ा था. उनको मौके से पुलिस पकड़कर थाने ले गई थी.
जांच में सामने आया था कि युवक-युवती स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी हैं. जबकि, युवक नोएडा की एक निजी लैब में टेक्नीशियन है. दोनों बची हुई वैक्सीन को डिस्ट्रॉय दिखाकर रुपये लेकर लोगों को लगा रहे थे. पूरे मामले की मजिस्ट्रेट विनय सिंह ने मौके से मिले तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट बनाकर स्वास्थ विभाग को भेज दी थी. इसके बावजूद मामले में स्वास्थ विभाग की ओर से संस्तुति नहीं मिली थी. इसके बाद स्वास्थ विभाग की ओर से शिकायत प्राप्त ना होने पर दोनों को छोड़ दिया गया था.
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गृह जिला भी नहीं संभाल पा रहे हैं स्वास्थ्य राज्यमंत्री
पूरे मामले को लेकर मोदीनगर की टीम शक्ति अन्याय निवारण ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री और गाजियाबाद के सदर विधायक अतुल गर्ग से गृह जिले की स्थिति को काबू ना कर पाने का आरोप लगाते हुए सरकार से उन्हें अन्य कोई ओर पद देने की मांग की है.
सक्षम अधिकारियों की देनी चाहिए जिम्मेदारी
संस्था की सदस्य दीपा त्यागी का कहना है कि गाजियाबाद के लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जिम्मेदारी लेकर सक्षम अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, जिससे कि कोरोना महामारी से जनता को समय रहते बचाया जा सकें.