नई दिल्ली/गाजियाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) द्वारा आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा के बाद किसान आंदोलन (Farmers Protest End) अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. गाजीपुर बॉर्डर (Farmers on Ghazipur Border) पर आंदोलनकारी किसान अब घर लौटने की तैयारियों में जुटे हुए हैं. गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र रहा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) भी लगातार सुर्खियों में रहे हैं. लाखों की संख्या में किसानों का गांव से गाजीपुर बॉर्डर पर आना-जाना लगा रहा. विभिन्न राज्यों के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर एक साथ रहे, जो किसान अब से एक साल पहले तक एक दूसरे से अनजान थे. वह अब एक दूसरे के पक्के दोस्त बन चुके हैं.
गाजीपुर बॉर्डर (Farmers on Ghazipur Border) से गांवों को लौटते हुए किसानों की आंखें नम है. कहीं न कहीं किसानों का आपस में एक दूसरे से बेहद लगाव हो गया है. अब तमाम किसान अपने घरों को वापस लौट एक दूसरे से दूर हो रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों से काफी मेल मिलाप हो गया था. अब बिछड़ने के बाद एक दूसरे की बहुत याद आएगी.
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किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) से जब यह सवाल किया गया कि अब आंदोलन में शामिल विभिन्न राज्यों के किसानों से दोबारा कैसे मुलाकात होगी तो मुस्कुराते हुए टिकैत ने कहा कि कहीं अब दोबारा आंदोलन का मेला रखना पड़ेगा. एक साल में आठ दिन का, जो किसान बोर्डरों पर आए थे, वो किसान उस मेले में शरीक होंगे और सभी किसानों से मेल मिलाप करेंगे.