नई दिल्ली/गाजियाबाद : आंदोलन के शुरुआती दौर में किसानों की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने नारा दिया था कि बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों (Farms Law) को वापस लेने के बाद भी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के खत्म होने को लेकर बड़ा संकेत दिया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन (Farmers Protest) की वजह से किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे का कोई सवाल ही नहीं उठता.
कृषि मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा सरकार झूठ बोल रही है. आंदोलन के दौरान मोर्चों पर जिन किसानों ने फांसी लगाई, क्या सरकार के पास उनका आंकड़ा भी नही है. टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान तकरीबन 600 से 700 किसानों की शहादत हुई है.
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सोनीपत-कुंडली बॉर्डर (sonepat-kundli border) पर किसान नेता सतनाम सिंह ने बताया है कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी के संबंध में बात करने के लिए पांच नाम मांगे हैं. इस पर टिकैत ने कहा कि हमसे सरकार ने एमएसपी के संबंध में बात करने के लिए कोई नाम नहीं मांगे हैं. हमारे पास इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है. किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन की समाप्ति को लेकर भी संकेत दिए हैं कि इस महीने में आंदोलन समाप्त हो सकता है. सरकार में कुछ चल रहा है.
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आंदोलन चलाना है या अब समाप्त करना है. इन मुद्दों पर किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच बैठकों का दौर लगातार जारी है. पिछले एक हफ्ते से सिंधु बॉर्डर (Farmers Meeting at singhu border) पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ पंजाब जत्थेबंदियों और हरियाणा के किसान संगठन कई बैठक कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आखिरी फैसला नहीं हुआ है. बुधवार को एसकेएम ने इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया.