नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रोविडेंट फंड घोटाले के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया.बिजली कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है.
साथ ही ऊर्जा मंत्री द्वारा चेयरमैन की भूमिका पर सवाल उठाने व नई सरकार बनने के बाद 41 अरब रुपये डीएचएफएल कंपनी में जमा करने के दोषी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है.
प्रदेश सरकार से लगाई गुहार
समिति ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ले और इस बाबत गजट नोटिफिकेशन जारी करे. संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से बिजली कर्मचारियों के हित में प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर के समस्त परियोजनाओं व जिला मुख्यालयों पर तीसरे दिन भी बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहा.
प्रदर्शन आगे भी रहेगा जारी
जब तक विद्युत कर्मचारियों की मांगों को नहीं मान लिया जाता है. तब तक यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा और 18 व 19 नवंबर को 48 घंटों का प्रांतव्यापी कार्य बहिष्कार बिजली कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. गाजियाबाद में मुख्य अभियंता कार्यालय राजनगर में हुए विरोध प्रदर्शन के संयोजक प्रभात सिंह समेत भारी संख्या में बिजली अभियंता व कर्मचारी उपस्थित रहे.