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लॉकडाउन: निष्काम सेवा जत्था ने की शराब की बिक्री बंद करने की मांग - ghaziabad liquor sell

गाजियाबाद के मोदीनगर से निष्काम सेवा जत्था लॉकडाउन के बीच लगातार 2500 जरूरतमंदों को खाना खिला रहा है. लेकिन जब से शराब की बिक्री की शुरूआत हुई है, तब से जत्था के लोग इसके विरोध में हैं. गुरुवार को जत्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह ने इसके खिलाफ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

Nishkam Seva jattha appeal to government
निष्काम सेवा जत्था ने की अपील
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Published : May 7, 2020, 4:44 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के पहले दिन से लगातार मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था 2,500 जरूरतमदों के घर रोजाना खाना पहुंचा रहा है. लेकिन अब शराब बिक्री के फैसले को लेकर जत्थे से जुड़े लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो मजबूरन उनके जत्थे के जरिये गरीबों के लिए की जा रही मदद को उन्हें बंद करना पड़ेगा.

निष्काम सेवा जत्था ने की शराब बिक्री को लेकर अपील

शराब बिक्री के विरोध में सौंपा ज्ञापन

बता दें कि लॉकडाउन के कारण गरीबों और मजदूरों पर आर्थिक संकट आ गया है. जिसके कारण उनके लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है. ऐसे में निष्काम सेवा जत्था मोदीनगर के आसपास के गांव में रोजाना 2500 लोगों को खाना बांट रहा है. लेकिन डेढ़ महीने की लंबी सेवा के बाद अब सरकार के शराब बिक्री के फैसले को लेकर जत्थे से जुड़े लोग आहत दिखाई दे रहे हैं. जिसको लेकर उन्होंने मोदीनगर उप जिलाधिकारी सौम्या पांडे के नाम एक ज्ञापन लिखकर नायब तहसीलदार को सौंपा.

'शराब की बिक्री से बढ़ा खतरा'

निष्काम सेवा जत्था, मोदीनगर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह का कहना है कि वह आज मोदीनगर उप जिलाधिकारी सौम्या पांडे को शराबबंदी को लेकर एक ज्ञापन देने आए हैं. सरकार ने शराब की दुकानें खुलवा दी हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर बदतर हालात हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर डेढ़ महीने से सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते आ रहे थे, अब उसकी धज्जियां उड़ गई हैं. शराब ब्रिकी से लड़ाई-झगड़े और अपराध होने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. जिस मकसद के लिए लाॅकडाउन किया गया था, भारत में आंशिक रूप से भी सफलता मिल रही थी, लेकिन शराब की बिक्री से संक्रमण फैलने का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है.

'मजबूरी में बंद करनी पड़ेगी मदद'

ऐसे में हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार जल्द ही इस फैसले को वापस ले. क्योंकि हमारे निष्काम सेवा जत्थे से जुड़े लोग सुबह-शाम जरूरतमंद लोगों के घर खाना वितरण करने जाते हैं. लेकिन अब शराब बिक्री से दुर्घटनाएं और संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे माहौल में अपनी सेवा जारी रखना उनके लिए बहुत मुश्किल है. इसलिए हम सरकार के निर्णय का इंतजार करेंगे कि वह अपने इस फैसले को वापस लें, अन्यथा हम अपने निष्काम सेवा रसोई से की जा रही गरीबों की मदद से हाथ पीछे खींचने पर मजबूर हो जायेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के पहले दिन से लगातार मोदीनगर का निष्काम सेवा जत्था 2,500 जरूरतमदों के घर रोजाना खाना पहुंचा रहा है. लेकिन अब शराब बिक्री के फैसले को लेकर जत्थे से जुड़े लोग विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो मजबूरन उनके जत्थे के जरिये गरीबों के लिए की जा रही मदद को उन्हें बंद करना पड़ेगा.

निष्काम सेवा जत्था ने की शराब बिक्री को लेकर अपील

शराब बिक्री के विरोध में सौंपा ज्ञापन

बता दें कि लॉकडाउन के कारण गरीबों और मजदूरों पर आर्थिक संकट आ गया है. जिसके कारण उनके लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है. ऐसे में निष्काम सेवा जत्था मोदीनगर के आसपास के गांव में रोजाना 2500 लोगों को खाना बांट रहा है. लेकिन डेढ़ महीने की लंबी सेवा के बाद अब सरकार के शराब बिक्री के फैसले को लेकर जत्थे से जुड़े लोग आहत दिखाई दे रहे हैं. जिसको लेकर उन्होंने मोदीनगर उप जिलाधिकारी सौम्या पांडे के नाम एक ज्ञापन लिखकर नायब तहसीलदार को सौंपा.

'शराब की बिक्री से बढ़ा खतरा'

निष्काम सेवा जत्था, मोदीनगर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसमीत सिंह का कहना है कि वह आज मोदीनगर उप जिलाधिकारी सौम्या पांडे को शराबबंदी को लेकर एक ज्ञापन देने आए हैं. सरकार ने शराब की दुकानें खुलवा दी हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर बदतर हालात हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर डेढ़ महीने से सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते आ रहे थे, अब उसकी धज्जियां उड़ गई हैं. शराब ब्रिकी से लड़ाई-झगड़े और अपराध होने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. जिस मकसद के लिए लाॅकडाउन किया गया था, भारत में आंशिक रूप से भी सफलता मिल रही थी, लेकिन शराब की बिक्री से संक्रमण फैलने का खतरा और भी अधिक बढ़ गया है.

'मजबूरी में बंद करनी पड़ेगी मदद'

ऐसे में हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार जल्द ही इस फैसले को वापस ले. क्योंकि हमारे निष्काम सेवा जत्थे से जुड़े लोग सुबह-शाम जरूरतमंद लोगों के घर खाना वितरण करने जाते हैं. लेकिन अब शराब बिक्री से दुर्घटनाएं और संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे माहौल में अपनी सेवा जारी रखना उनके लिए बहुत मुश्किल है. इसलिए हम सरकार के निर्णय का इंतजार करेंगे कि वह अपने इस फैसले को वापस लें, अन्यथा हम अपने निष्काम सेवा रसोई से की जा रही गरीबों की मदद से हाथ पीछे खींचने पर मजबूर हो जायेंगे.

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