नई दिल्ली : RRTS के दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर स्टेशनों और वायाडक्ट का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है. गाज़ियाबाद और मेरठ में जहां-जहां निर्माण कार्य पूरा हो रहे हैं. NCRTC वहां बैरिकेडिंग हटाने का काम भी साथ-साथ कर रही है. इसी क्रम में रिठानी और परतापुर में सड़क पर लगी बैरिकेडिंग को हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. गुलधर और दुहाई के बीच भी बैरिकेडिंग हटाने का कार्य प्रगति पर है.
RRTS परियोजना के तहत लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी निर्माण कार्य बैरिकेडिंग के अंदर किये जा रहे हैं. निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही बैरेकेडिंग हटाकर सड़क को फिर से जनता के लिए खोल दिया जाता है. बैरिकेडिंग हटाए जाने से वाहन चालक अबाधित रूप से पूरी सड़क का उपयोग कर सकेंगे. जैसे-जैसे निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंचेगा, बाकि बैरिकेडिंग को भी जल्द हटाकर लोगों के लिए सड़क का बाकी हिस्सा उपलब्ध करवाया जाएगा.
निर्माण कार्यों के कारण जनता को कम-से कम असुविधा हो और यात्रियों की सुगमता के लिए NCRTC ने एक 12 सूत्रीय शेड्यूल बनाया है, जिसका क्रियान्वयन निरंतर किया जा रहा है.
• ट्रैफिक डायवर्जन स्कीम का प्रयोग, जिसके तहत बैरिकेडिंग लगाने या सड़क पर डायवर्जन करने के लिए स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की स्वीकृति ली जाती है और उनके सहयोग से कार्य किया जा रहा है.
निर्माण स्थलों और यू टर्न के पास सुविधा के लिए ट्रैफिक मार्शल्स तैनात किए गए हैं और ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर आवश्यकतानुसार इनकी संख्या में निरंतर फेरबदल किया जाता है.
एनसीआरटीसी निरंतर स्थानीय एजेंसियों का भी सहयोग ले रही है और आवश्यकता पड़ने पर या किसी विशेष आयोजन जैसे मेले या धार्मिक आयोजन पर अतिरिक्त ट्रैफिक इंस्पेक्टर तैनात करने का आग्रह करती है.
• निर्माण स्थलों के आसपास यातायात संबंधी परेशानियों के निवारण और प्रबंधन के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा द्वारा निगरानी की जा रही है. साथ ही, जगह-जगह मैनेक्विंन्स भी लगाए गए हैं.
• एनसीआरटीसी के निर्माण स्थलों पर कंस्ट्रक्शन मैटेरियल लाने वाले ट्रकों और बड़ी मशीनों के चलाने वाले ड्राइवर्स को डिफ़ेंसिव ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जा रही है.
• सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समय- समय पर लोगों को इस प्रोजेक्ट के विषय में जानकारी देती है और इसके प्रति जागरूक करती है. इसके लिए समय-समय पर एनसीआरटीसी द्वारा नुक्कड़ नाटक और सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम (कम्यूनिटी इंटरैक्शन प्रोग्राम) का आयोजन किया जाता है.
• दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर लगाई गई बैरिकेडिंग पर रोप लाइटिंग लगाई गई है. इस लाइट से लोगों को रात में बैरिकेडिंग साफ दिखाई देती है और हादसों की संभावना नहीं रह जाती.
• दिल्ली से मेरठ तक किसी भी हिस्से में बैरिकेडिंग की मेंटीनेंस और रिपेयरिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, ताकि लोगों को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो.
• नाइट ब्लिंकर्स- निर्माण स्थलों के नजदीक लोगों की सुविधा के लिए बने यू टर्न्स पर नाइट ब्लिंकर्स लगाए गए हैं, ताकि रात में लोगों को यू टर्न का दूर से ही पता लग सके.
• लोगों की सहूलियत के लिए सड़कों पर बैरिकेडिंग के सहारे जमा होने वाली मिट्टी को उठाने के लिए ऑटोमैटिक टो-डस्टिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है.
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