नई दिल्ली/गाजियाबाद: 3 जनवरी को मुरादनगर के श्मशान घाट हादसे में 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. जिनके परिजनों को शासन की ओर से 10 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा सहित तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देने घोषणा की गई थी, लेकिन अब वहीं दूसरी ओर मृतकों के परिजनों का कहना है कि हादसे के 2 हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन उनको सरकारी नौकरी ना देकर संविदा पर आधारित नौकरी देने की बात कर रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मृतकों के परिजनों से की खास बातचीत
10 लाख रुपये का मुआवजा मिला
ईटीवी भारत को श्मशान घाट हादसे के मृतक सुनील की पत्नी पुष्पलता ने बताया कि अधिकारियों ने उनको सरकारी नौकरी न देकर संविदा पर आधारित नौकरी देने की बात की है. जिसको उन्होंने लेने से मना कर दिया है. उन्होने बताया कि उनको अभी तक सिर्फ 10 लाख रुपये का मुआवजा और बच्चों की मुफ्त शिक्षा का प्रमाण पत्र मिला है. इसके अलावा उनको कुछ और नहीं मिला है.
संविदा पर नौकरी देने की बात
पुष्पलता ने बताया कि सरकारी नौकरी की मांग को लेकर उन्होंने जब एडीएम से बातचीत की, तो एडीएम ने उनको बताया कि संविदा पर नौकरी मिलेगी उसके बाद में परमानेंट कर दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने संविदा पर आधारित नौकरी लेने से मना कर दिया.
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संविदा पर नहीं करेंगे नौकरी
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पहले उनको घर की चाबी देने के लिए अधिकारी आए थे, तो गलत घर के नाम की चाबी उनको दे दी गई थी, लेकिन अब उनको इसी महीने में सही घर की चाबी देने का आश्वासन दिया गया है.