नई दिल्ली/गाजियाबादः 3 जनवरी को मुरादनगर नगर पालिका परिषद की लापरवाही के कारण श्मशान घाट हादसे में 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. तो वहीं दूसरी ओर 2 दर्जन से अधिक लोग इस हादसे में घायल हुए थे. इनमें से ही एक मुरादनगर के उखलारसी गांव में रहने वाले पवन कुमार श्मशान घाट हादसे में घायल हुए थे और उनका मेरठ के एक निजी अस्पताल में 3 महीने से इलाज चल रहा था, जिनकी सोमवार को मृत्यु हो गई.
ईटीवी भारत को मृतक के परिजनों ने बताया कि मृतक पवन कुमार 3 परिवारों में इकलौते थे. जिनका इलाज परिजन 3 महीने से कर्जा लेकर करा रहे थे. लेकिन इनको प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली है. मृतक के परिजनों का कहना है कि वह चाहते हैं कि इस मामले की आरोपी अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान, जोकि फिलहाल जमानत पर रिहा है उसको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.
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निजी खर्चे से करा रहे थे इलाज
मृतक के भाई कृष्णपाल ने बताया कि मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में उनके भाई बुरी तरीके से घायल हुए थे. जिनका मेरठ के एक निजी अस्पताल में 3 महीने से इलाज चल रहा था. जिनकी सोमवार को अचानक से तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई. उन्होंने बताया कि वह अपने भाई का खुद ही अपने खर्चे से इलाज करा रहे थे. जिसका खर्चा अब तक तकरीबन 10 लाख रुपये आ चुका है. प्रशासन की ओर से उनको अभी तक कोई भी सहायता नहीं मिली है.
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मृतक के परिजनों को मिले सरकारी सहायता
मृतक के भाई सतीश का कहना है कि श्मशान घाट हादसे के मृतकों के परिजनों को जो भी सरकारी सहायता मिली है. वहीं अब उनके भाई के परिजनों को मिलनी चाहिए वरना वह धरना करने को मजबूर होंगे.
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