नई दिल्ली/गाजियाबाद: मेजर मोहित शर्मा का परिवार गाजियाबाद के राजेंद्र नगर में रहता है. आज भी बेटे को याद कर मेजर मोहित की मां सुशीला शर्मा की आंखें नम हो जाती हैं. मगर वह खुद को मेजर मोहित की मां होने पर गौरवान्वित महसूस करती हैं. 21 मार्च 2009 को मेजर मोहित शर्मा कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के साथ लोहा लेते वक्त शहीद हो गए (Mohit Sharma was killed in Kupwara) थे. उस समय वह अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे. उनके शरीर पर कई गोलियां लगी थी. इसके बाद भी चार आतंकियों को मारकर अपने दो साथियों का जीवन बचाया था. उनके इस बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता. मेजर मोहित को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित (Major Mohit Sharma honored with Ashok Chakra) किया गया था.
13 जनवरी 1978 को हरियाणा के रोहतक में जन्मे मेजर मोहित शर्मा की पढ़ाई गाजियाबाद की डीपीएस स्कूल से हुई थी. 1995 में उन्होंने एनडीए में एडमिशन लिया. मेजर मोहित काे याद करते हुए उनकी मां बताती हैं, कि वह बचपन से ही देशभक्ति की बातें करते थे. आतंकियों को मार गिराने का जज्बा उनमें बचपन से था. इसीलिए उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकेडमी ज्वाइन की. मेजर मोहित शर्मा की मां सुशीला शर्मा ने अपील की है, कि सरकार को ऐसे कदम हमेशा उठाते रहना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी अपने बेटों को सेना में भेजने के लिए प्रेरित होते रहें.
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मेजर मोहित शर्मा की पत्नी भी आर्मी में ऑफिसर (Major Mohit Sharma wife is army officer) हैं. बता दें कि गाजियाबाद के राजेंद्र नगर स्थित मेट्रो स्टेशन का नाम मेजर मोहित शर्मा (Major Mohit sharma Metro station ) के नाम पर रखा गया. अगर मेट्रो स्टेशन के पूरे नाम की बात करें तो उसे मेजर मोहित शर्मा राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन के नाम से जाना जाता है. वहीं पास में मेजर मोहित शर्मा मार्ग भी बनाया गया है.
साल 2019 में दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन ने राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर मेजर मोहित शर्मा मेट्रो स्टेशन रखा था. कुपवाड़ा ऑपरेशन के दौरान मेजर मोहित शर्मा की शहादत देश का सर्वोच्च बलिदान माना गया. उन्हें 26 जनवरी 2010 को देश के सर्वोच्च शांति काल वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से मरणोपरांत सम्मानित (Major Mohit Sharma honored with Ashok Chakra) किया गया.