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जानिए क्या है महाशिवरात्रि का महत्व, कैसे करनी चाहिए पूजा

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Published : Mar 11, 2021, 12:46 PM IST

महाशिवरात्रि के अवसर पर गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में भारी संख्या में भक्त भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. इस मौके पर मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि आज के दिन किस तरह से पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

Mahashivaratri worship at the ancient Dudheshwar Nath temple in Ghaziabad
भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक

नई दिल्ली/गाजियाबाद: महाशिवरात्रि के दिन किस तरह से पूजा-अर्चना करनी चाहिए, इस पर हमने दूधेश्वर मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी पर जानकारी ली.उन्होंने आज के दिन का महत्व समझाया और बताया कि किस तरह से पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

महंत श्री नारायण गिरी से जानिए महाशिवरात्रि का महत्व
समुद्र मंथन से निकला विष भगवान ने पियामहंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि समुद्र मंथन के दौरान विष निकल था, उसे भगवान शिव ने पी लिया था. भगवान शिव की पूजा के दौरान आज धतूरे, बेल, बेर आदि चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं. चरणामृत आदि का अभिषेक किया जाता है. अगर भक्त यह सभी सामग्री लाने में सक्षम नहीं है, तो वह सिर्फ जल से भी भगवान का चल अभिषेक कर सकते हैं.


ये भी पढ़ें:-महाशिवरात्रि: दूधेश्वर नाथ मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

महाशिवरात्रि पर मिलता है मोक्ष

महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि आज सर्व श्री योग है. आदि काल में शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे. जो भी शिवरात्रि का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में करीब पांच लाख भक्त आज शाम तक यहां जलाभिषेक कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार कुंभ : महाशिवरात्रि आज, शाही स्नान के लिए उमड़ा जनसैलाब

नई दिल्ली/गाजियाबाद: महाशिवरात्रि के दिन किस तरह से पूजा-अर्चना करनी चाहिए, इस पर हमने दूधेश्वर मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी पर जानकारी ली.उन्होंने आज के दिन का महत्व समझाया और बताया कि किस तरह से पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

महंत श्री नारायण गिरी से जानिए महाशिवरात्रि का महत्व
समुद्र मंथन से निकला विष भगवान ने पियामहंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि समुद्र मंथन के दौरान विष निकल था, उसे भगवान शिव ने पी लिया था. भगवान शिव की पूजा के दौरान आज धतूरे, बेल, बेर आदि चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं. चरणामृत आदि का अभिषेक किया जाता है. अगर भक्त यह सभी सामग्री लाने में सक्षम नहीं है, तो वह सिर्फ जल से भी भगवान का चल अभिषेक कर सकते हैं.


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महाशिवरात्रि पर मिलता है मोक्ष

महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि आज सर्व श्री योग है. आदि काल में शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे. जो भी शिवरात्रि का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में करीब पांच लाख भक्त आज शाम तक यहां जलाभिषेक कर सकते हैं.
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