नई दिल्ली/गाजियाबाद: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. वहीं, इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए डासना देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद सरस्वती (Yeti Narasimhanand Saraswati) ने कहा है कि हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन, जो सनातन की ध्वजा के रूप में उभरे हैं. मैं विष्णु शंकर जैन को बहुत-बहुत आशीर्वाद और साधुवाद देना चाहता हूं. हिंदू समाज को एकत्रित होकर जैन का अभिनंदन और सम्मान करना चाहिए. जो समाज अपने योद्धाओं का सम्मान और सहायता नहीं करता, उसको नष्ट होना पड़ता है.
हिंदू के पक्ष के वकील विष्णु जैन और हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया है. अब श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा को लेकर दायर की गई याचिका पर रोजाना सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने फैसले के बारे में बताते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट (places of worship act 1991) लागू नहीं होता है. इस कारण ज्ञानवापी मामले में पूजा स्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है.
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अदालत ने मुस्लिम पक्ष की ओर से सुनवाई रोकने की याचिका खारिज कर दी. बता दें, इस मामले में ज्ञानवापी अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी सुनवाई रोकने की मांग की थी. ज्ञानवापी केस में सुनवाई को लेकर शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कोर्ट परिसर में अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी.
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