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कोरोना काल में महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट, 5 हजार की जगह खर्च हो रहा 7 हजार! - कोरोना काल में महंगाई

गाजियाबाद में सब्जियों के बढ़ते दाम ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है. नवरात्र से पहले रोजमर्रा के सामानों में आई तेजी के कारण लोग परेशान हैं.

Inflation in corona period effecting kitchen budget in ghaziabad
कोरोना काल में महंगाई ने बिगाड़ा किचन का बजट, 5 हजार का खर्च हुआ 7 हजार
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Published : Oct 12, 2020, 4:29 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे लोगों के लिए अब सब्जियों के दाम आफत लेकर आए हैं. नवरात्र से पहले सब्जियों के दामों में 40 से 50 फीसदी का इजाफा हो गया है. हाल ये है कि किचन का बजट बुरी तरह से बिगड़ गया है.

वीडियो रिपोर्ट

गाजियाबाद की बात करें तो जिन सब्जियों के दाम 20 से 30 रुपये किलो थे, वो अब 50 रुपये किलो से ज्यादा के दाम पर बिक रही हैं. आलू, प्याज, टमाटर के दाम मंडी में भी 45 से 50 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. ईटीवी भारत ने सब्जियों के बढ़ते दाम और इससे बिगड़ रहे बजट पर गृहिणियों से बात की.

कितना बिगड़ गया बजट

महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन से पहले भी करीब 5000 रुपये महीने में किचन चल जाती थी, लेकिन अब ये खर्च 7000 रुपये तक पहुंच गया है. हाल ये है कि सब्जियां खरीदने में समझौता करना पड़ रहा है. पहले जो सब्जी 1 किलो लिया करते थे, अब उसी सब्जी को ढाई सौ ग्राम खरीद कर गुजारा चलाना पड़ रहा है. जानकार बता रहे हैं कि सब्जियों के दाम फिलहाल आसमान पर ही रहेंगे.

आलू किया जा रहा स्टॉक , मौसम की मार भी है

जानकार बता रहे हैं कि त्योहारी सीजन में रेट बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. इसमें मुख्य रूप से आलू की सप्लाई पर असर मुख्य वजह है. सप्लाई कम होने की वजह यह है कि कुछ जगहों पर आलू का स्टॉक होने की खबर है. मौसम की मार की वजह से भी बीते दिनों कुछ फसलें खराब हो गई थीं, जिसकी वजह से अन्य सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है. ये दोनों कारण आने वाले वक्त में खत्म हो जाएंगे. इससे रेट कुछ नीचे आने के आसार हैं. हालांकि विक्रेता बता रहे हैं कि मंदी का असर मार्केट में देखा जा रहा है. लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे लोगों के लिए अब सब्जियों के दाम आफत लेकर आए हैं. नवरात्र से पहले सब्जियों के दामों में 40 से 50 फीसदी का इजाफा हो गया है. हाल ये है कि किचन का बजट बुरी तरह से बिगड़ गया है.

वीडियो रिपोर्ट

गाजियाबाद की बात करें तो जिन सब्जियों के दाम 20 से 30 रुपये किलो थे, वो अब 50 रुपये किलो से ज्यादा के दाम पर बिक रही हैं. आलू, प्याज, टमाटर के दाम मंडी में भी 45 से 50 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. ईटीवी भारत ने सब्जियों के बढ़ते दाम और इससे बिगड़ रहे बजट पर गृहिणियों से बात की.

कितना बिगड़ गया बजट

महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन से पहले भी करीब 5000 रुपये महीने में किचन चल जाती थी, लेकिन अब ये खर्च 7000 रुपये तक पहुंच गया है. हाल ये है कि सब्जियां खरीदने में समझौता करना पड़ रहा है. पहले जो सब्जी 1 किलो लिया करते थे, अब उसी सब्जी को ढाई सौ ग्राम खरीद कर गुजारा चलाना पड़ रहा है. जानकार बता रहे हैं कि सब्जियों के दाम फिलहाल आसमान पर ही रहेंगे.

आलू किया जा रहा स्टॉक , मौसम की मार भी है

जानकार बता रहे हैं कि त्योहारी सीजन में रेट बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. इसमें मुख्य रूप से आलू की सप्लाई पर असर मुख्य वजह है. सप्लाई कम होने की वजह यह है कि कुछ जगहों पर आलू का स्टॉक होने की खबर है. मौसम की मार की वजह से भी बीते दिनों कुछ फसलें खराब हो गई थीं, जिसकी वजह से अन्य सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है. ये दोनों कारण आने वाले वक्त में खत्म हो जाएंगे. इससे रेट कुछ नीचे आने के आसार हैं. हालांकि विक्रेता बता रहे हैं कि मंदी का असर मार्केट में देखा जा रहा है. लोग कम सब्जी खरीद रहे हैं.

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