नई दिल्ली/ गाजियाबाद : NCR के लोगों को इस समय कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है. बदलते मौसम में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. इसके अलावा प्रदूषण और डेंगू ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है. गाजियाबाद में डेंगू के मरीजों की तादाद पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़कर 600 के पार पहुंच गई है. डेंगू मरीजों में बड़ी तादाद बच्चों की भी है. आइए जानते हैं सरकारी इंतजाम किस स्तर पर हो रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद में डेंगू के मरीजों में 100 से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं. अस्पतालों के डेंगू वार्ड में मरीजों को लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है. सबसे अधिक चिंता बच्चों को लेकर ही है. जिला अस्पताल के सीएमएस अनुराग भार्गव का कहना है कि बदलते मौसम के साथ डेंगू के मच्छर से भी बच्चों को बचाने की बहुत जरूरत है. उन्होंने सलाह दी कि डेंगू का मच्छर दिन के समय ही हमला करता है, इसलिए घर में और आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें. उन्होंने ने डेंगू मच्छर की पहचान भी बताई है. डेंगू मच्छर पर धारियां होती हैं.
राहत की बात यह है कि अस्पतालों में अधिकतर मरीजों का सफल इलाज हो रहा है. डेंगू वार्ड में मच्छरदानी का भी अलग से इंतजाम किया गया है. मच्छरों से बचाव के लिए इस तरह के उपाय लोग घरों में खुद भी कर सकते हैं.
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जानकारी के मुताबिक, पिछले चार साल में डेंगू के इतने मरीज नहीं पाए गए, जितने इस साल पाए गए हैं. डेंगू की रोकथाम के लिए बकायदा 100 मेडिकल टीमें अलग-अलग इलाकों में काम कर रही हैं, लेकिन चिंता की बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. देहात इलाकों से औसतन रोजाना डेंगू के 10 से 15 मरीज सामने आ रहे हैं.