नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन महीने की शुरुआत 6 जुलाई को पहले सोमवार के साथ ही हो चुकी है. इस दौरान हर साल श्रद्धालु कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार के लिए रवाना हो जाते थे, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते थे.
ऐसे ही दिल्ली हरियाणा, राजस्थान, पंजाब राज्य से NH-58 के रास्ते होते हुए शिवभक्त कांवड़िए हरिद्वार जाते थे. रास्ते में गाजियाबाद जिला के मुरादनगर में छोटा हरिद्वार गंग नहर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु विश्राम करते थे और गंग नहर में स्नान करते थे, लेकिन कोरोना के कारण इस बार कांवड़ यात्रा स्थगित हो गई है. इसलिए गंग नहर पर भी इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है, देखिए ईटीवी भारत की यह ग्राउंड रिपोर्ट.
ईटीवी भारत की टीम मुरादनगर के छोटा हरिद्वार कहे जाने वाले गंग नगर पहुंची तो वहां पर सन्नाटा पसरा हुआ था. छोटा हरिद्वार गंग नहर के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि कांवड़ यात्रा पर इस गंग नहर से भी लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़िए पवित्र गंगाजल लेकर जाते थे. इसलिए हर साल यहां पर व्यवस्था करने के लिए काफी संख्या में महिला पुलिस बल, पीएसी बल, गोताखोरों की वोट के साथ तैनाती की जाती थी. प्रशासन भी यहां पर मौजूद की होता था, लेकिन इस बार कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में भय है. इसलिए सरकार ने इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है.
घर पर ही मनाएं सावन का महीना
महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार के बाद से यहां से कोई कांवड़ जल लेकर भी नहीं गया है. वैसे हर साल यहां से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जल ले कर जाते थे. महंत मुकेश गोस्वामी ने सभी शिवभक्त भक्तों कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा है कि वह इस बार सावन के महीने को अपने घर में ही रहकर मनाएं. घर के नलों से निकलने वाला भी जल गंगा का जल ही माना जाएगा, क्योंकि वह भी जमीन से निकल कर आ रहा है. साथ ही उनका कहना है कि पहले हमारे लिए देश है, उसके बाद सब चीजें आती हैं.