नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल में स्कूल-कॉलेज तो बंद हैं, लेकिन छात्रों की फीस अब भी ली जा रही है. स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस के लिए दबाव बनाना, फीस न देने पर स्कूल से निकाल देना जैसी कई ख़बरें आपके सामने भी आई होंगी. ऐसे में गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने ऑनलाइन क्लास के हिसाब से फीस तय करने की मांग की है.
दरअसल गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन (जीपीए) की ओर से लंबे समय से बंद होने के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा पूरी फीस मांगने के मुद्दे के समाधान के लिए पोस्टर -स्लोगन के माध्यम से ट्विटर पर अभियान चलाया गया. अभिभावकों ने जीपीए के ट्वीटर अभियान में हिस्सा लिया और अपने फोटो के साथ फीस मुद्दे के समाधान और शिक्षा के व्यापारीकरण पर रोक के संदेश का पोस्टर अपलोड किया, जिसमें प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और कई मुख्यमंत्रियों को टैग किया गया.
ट्वीटर पर स्लोगन बनाकर किया अपलोड
पैरेंट्स और बच्चों ने अपनी पीड़ा को अभिव्यक्त करते स्लोगन बना कर इस ट्विटर अभियान के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की. वहीं गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि अब देखना यह है कि क्या अभिभावकों और बच्चों की गुहार केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार तक पहुंचती है या नहीं.
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अभिभावकों का हो रहा शोषण
पिछले लंबे समय से अभिभावक सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचा रहे हैं, लेकिन सरकार जान कर भी अनजान बनी हुई है. इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साध कर देश-प्रदेश के निजी स्कूलों को खुला संरक्षण देकर स्कूलों को अभिभावकों का शोषण करने की खुली आजादी दी जा रही है. वहीं जीपीए के प्रवक्ता विनय कक्कड़ ने बताया जब तक सरकार इस अति आवश्यक मुद्दे का समाधान नही निकालती. जीपीए और अभिभावक चुप बैठने वाले नहीं हैं.