नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना काल के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिसकर्मी एक योद्धा की भूमिका निभाते हुए दूसरे लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिसकर्मी कोरोना काल में जनता से कानून का पालन करवाने के साथ ही इंसानियत का भी परिचय दे रहे हैं.
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वृद्धा के पति और बेटे की हो चुकी है मृत्यु
वृद्धा के बेसहारा होने के कारण पुलिसकर्मियों ने स्थानीय निवासियों से उनका अंतिम संस्कार करने का निवेदन किया, लेकिन स्थानीय निवासियों ने मना कर दिया, जिसके बाद स्वयं पुलिस शव को वाहन में रखकर श्मशान घाट ले गई और पूरे रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया है. गोविंदपुरी चौकी प्रभारी राजेश बाबू का कहना है कि शव के फूल चुगने का काम भी पुलिस करेगी और उनको गंगा में प्रवाहित किया जाएगा.
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अस्थियों को किया जाएगा गंगा में प्रवाहित
मोदीनगर कि गोविंदपुरी चौकी प्रभारी राजेश बाबू ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि बिसोखर में एक महिला किराए के मकान पर रहती थी, जिसकी मृत्यु हो गई है. सूचना के बाद वह सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र बालियान और हेड कॉन्स्टेबल अजयवीर के साथ मौके पर पहुंचे. जहां उनको पता लगा कि यह महिला लावारिस है. उनका कोई भी नहीं है.
इसके बाद उन्होंने स्थानीय निवासियों से बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार कराने के लिए कहा, लेकिन कोई भी तैयार नहीं हुआ. ऐसे में वह अपनी टीम के साथ शव को मोदीनगर की डबल स्टोरी में स्थित श्मशान घाट में लेकर आए हैं और पूरे रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कराया है. इसके बाद पुलिस ही फूल चुगने के रिवाज को भी पूरा करेगी.