नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद जिला कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण से अधिक प्रभावित है. जिले में करीब 800 कोरोना संक्रमण मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने नोडल अधिकारी को भी नामित किया गया है. कोरोना का संक्रमण जिले में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में क्या जुलाई में स्कूल खोले जाने चाहिए. इसी को लेकर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने एक सर्वे कराया है.
कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में स्कूल खोले जाएं या नहीं इसी को लेकर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने एक सर्वे कराया. जिसमें स्कूल खोले जाने को लेकर अभिभावकों की राय ली गई. सर्वे में करीब 97% अभिभावक जुलाई में स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं है.
2500 अभिभावकों ने दी राय
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि सुनने में आ रहा है कि सरकारी स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है. इसी को लेकर गूगल फॉर्म्स के माध्यम से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने अभिभावकों का एक सर्वे कराया. जिसमें करीब 2500 अभिभावकों ने शामिल होकर स्कूल खोले जाने को लेकर अपनी राय दी. सर्वे में जानकारी मिली कि 97% अभिभावक नहीं चाहते हैं कि जुलाई में स्कूल खुले.
कोरोना वायरस के मामले
सर्वे में अभिभावकों ने कहा कि कोरोना के केस दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. अभी कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन भी नहीं आई है. ऐसे में कोरोना काल के दौरान स्कूल खोलना बच्चों की जान के साथ बहुत बड़ा रिस्क होगा. बता दें कि गाजियाबाद में अब तक कोरोना वायरस के कुल 797 मामले सामने आ चुके हैं. जिले में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 328 है. जबकि वाद-विवाद में 429 करोना संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अस्पताल से जा चुके हैं. जिले में अब तक कोरोना वायरस से 40 लोगों की मौत हो चुकी है.