नई दिल्ली/गाजियाबाद: सोनू ने घर में दाखिल होने के बाद महिलाओं पर गोली चला दी थी. यही नहीं घर में रखे पेचकस और सिलबट्टे से भी बच्चों और दोनों महिलाओं पर हमला किया गया था. इसके बाद उमा और सोनू ने घर में रखे गहने और कीमती सामान लूट लिया था. लेकिन कुछ ही घंटे में दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए.
मसूरी इलाके से ही भागने की कोशिश कर रहे सोनू ने जब पुलिस पर गोली चलाई, तो पुलिस ने भी गोली चला दी. सोनू के अलावा, उसकी साथी उमा को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
तीनों बच्चों की हालत अभी भी गंभीर
वहीं आपको बता दें कि तीनों बच्चों की हालत अभी भी अस्पताल में गंभीर है. गांव की परिचित महिला उमा पर विश्वास करना डोली के लिए काफी घातक साबित हुआ है. पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है.
लूट का माल और हथियार बरामद
मुठभेड़ में पकड़े गए आरोपी सोनू को भी पुलिस ने अस्पताल में एडमिट करा दिया है. जिसके पास से लूट का माल और पिस्टल बरामद हुई है. सिलबट्टा और पेचकस और एक चाकू घर से ही बरामद कर लिया गया था.
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मौके पर आईजी समेत तमाम अधिकारी रात भर मौका मुआयना करते रहे. जिसके चलते वारदात का कुछ ही घंटे में खुलासा हो पाया है. लेकिन एनसीआर की वारदात ने सवाल खड़ा कर दिया है, कि आखिर घर में एंट्री देने से पहले किस पर विश्वास किया जाए और किस पर नहीं, क्योंकि गांव की रहने वाली उमा पर डॉली ने आंख मूंदकर विश्वास किया था.
बच्चों को पढ़ाने आई टीचर को भी मार दिया
इसका नतीजा यह हुआ कि उमा ने विश्वास के साथ-साथ भरोसे का कत्ल करते हुए ना सिर्फ डोली को मौत के घाट उतारा, बल्कि घर में बच्चों को पढ़ाने आई टीचर अंशु को भी मार दिया. बच्चों पर भी उसे तरस नहीं आया.