नई दिल्ली/ गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक कांवड़िए की करंट लगने से मौत हो गई है. गाजियाबाद के कोतवाली इलाके के शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में कांवड़िया नानू की मौत के बाद प्रशासन ने लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
बिजली की सप्लाई में लापरवाही
घटना पर एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि विद्युत सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंप में किसी भी तरह की लापरवाही बिजली की सप्लाई में ना हो. लेकिन लापरवाही सामने आई है. इस कारण 16 साल के नानू की मौत हो गई है.
लापरवाही के मुकदमे दर्ज
इसके अलावा घायल अवस्था में जब नानू को अस्पताल लाया गया तो वहां पर भी लापरवाही बरती गई है. लिहाजा तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. तीनों मामले लापरवाही के हैं और मामले में कड़ी कार्यवाही भी की जाएगी. मृतक के परिवार को सांत्वना राशि देने की भी पहल प्रशासन की तरफ से की गई है. जाहिर है कावड़िए की मौत एक बड़ी लापरवाही की वजह से हुई है.
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन और सभी विभागों की मीटिंग हुई थी. जिसमें विद्युत सेफ्टी विभाग को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंपों में किसी भी विद्युत पोल को नग्न अवस्था में ना छोड़ा जाए. इससे करंट पास हो सकता है. लेकिन शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में ठहरे हुए कांवड़ियों के मामले में लापरवाही हुई है, और पोल को ढका भी नहीं गया था, जिसमें करंट पास हो गया और नानू उसकी चपेट में आ गया.
ठेकेदार की भी लापरवाही हुई उजागर
दूसरी लापरवाही की बात करें तो जिस ठेकेदार को यह काम दिया गया था उस ठेकेदार ने अपना काम ईमानदारी और लगन से नहीं किया था. जिसकी वजह से युवक की मौत हो गई.
अस्पताल ने नहीं दिया प्राथमिक इलाज
तीसरी लापरवाही अस्पताल की संवेदनहीनता से सामने आई है. कांवड़ियों का आरोप है कि जब वह युवक को अस्पताल घायल अवस्था में लेकर गए तो उसे प्राथमिक तौर पर इलाज नहीं दिया गया था.