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आर्थिक तंगी से गुजर रहे मुरादनगर श्मशान हादसे में घायल के परिजन - मुरादनगर हादसे में घायल राकेश के परिजनों की आर्थिक हालत

गाजियाबाद के मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में घायल हुए राकेश गुप्ता की पत्नी ने ईटीवी भारत को बताया कि घर के इकलौते कमाने वाले के बिस्तर पर लेट जाने के बाद उन पर आर्थिक संकट आ गया है. इसकी वजह से उनको अपने घर का गुजारा करने में दिक्कत हो रही है.

Financial condition of Rakesh family members who injured in Muradnagar cremation accident in ghaziabad
मुरादनगर हादसे में घायल व्यक्ति के घर की आर्थिक हालत खराब
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Published : Jan 20, 2021, 8:41 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर में तीन जनवरी को हुए श्मशान घाट हादसे में 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. उनके परिजनों को शासन की ओर से 10 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा सहित तमाम योजनाओं की घोषणा की गई थी. वहीं दूसरी ओर इस हादसे के घायलों को मुफ्त इलाज की घोषणा की गई थी. हादसे के दो सप्ताह बीत जाने के बाद घायलों के परिजनों का कहना है कि उनको शासन की ओर से इलाज तो मुफ्त मिल गया. लेकिन घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति के चारपाई पर लेट जाने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने घायलों के परिजनों से बातचीत की है.

मुरादनगर हादसे में घायल व्यक्ति के घर की आर्थिक हालत खराब.

अंडों की रेहड़ी लगाकर करते थे गुजारा
ईटीवी भारत को श्मशान घाट हादसे में घायल हुए राकेश गुप्ता ने बताया कि वह अंडों की रेहड़ी लगाकर अपने घर का गुजारा करते थे. श्मशान घाट हादसे में उनके पैरों में प्लेट डली हैं. इसकी वजह से वह अब सालों तक चल नहीं पाएंगे. इसके बावजूद उनको अभी तक शासन की ओर से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है. ऐसे में वह अपनी पत्नी और दो बच्चों का पेट कैसे भरेंगे.


'अब कैसे होगा घर का गुजारा'
ईटीवी भारत को सीमा गुप्ता ने बताया कि पति के इस हादसे में घायल होने के बाद उनके सामने बहुत सारी परेशानी आ रही हैं. यहां तक कि उनके घर में चाय के लिए दूध आना भी बंद हो गया है. वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों ने दूध से दवाई देने के लिए बोला है. लेकिन जब घर के इकलौते कमाने वाले चारपाई पर लेट गए हैं तो वह कैसे अपने घर का गुजारा करेंगी.

ये भी पढ़ें- SC का ट्रैक्टर रैली मामले में दखल से इनकार, कहा- पुलिस जारी करे जरूरी आदेश


घायलों की आर्थिक मदद की जाए
इसीलिए उनकी मांग है कि जिस तरीके से सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए घोषणा की है. ऐसे ही घायलों के परिजनों के लिए भी जाएं. इसके साथ ही उनको डर सता रहा है कि अब आगे भी उनके पति का सरकार इलाज होगा या नहीं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर में तीन जनवरी को हुए श्मशान घाट हादसे में 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. उनके परिजनों को शासन की ओर से 10 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा सहित तमाम योजनाओं की घोषणा की गई थी. वहीं दूसरी ओर इस हादसे के घायलों को मुफ्त इलाज की घोषणा की गई थी. हादसे के दो सप्ताह बीत जाने के बाद घायलों के परिजनों का कहना है कि उनको शासन की ओर से इलाज तो मुफ्त मिल गया. लेकिन घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति के चारपाई पर लेट जाने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने घायलों के परिजनों से बातचीत की है.

मुरादनगर हादसे में घायल व्यक्ति के घर की आर्थिक हालत खराब.

अंडों की रेहड़ी लगाकर करते थे गुजारा
ईटीवी भारत को श्मशान घाट हादसे में घायल हुए राकेश गुप्ता ने बताया कि वह अंडों की रेहड़ी लगाकर अपने घर का गुजारा करते थे. श्मशान घाट हादसे में उनके पैरों में प्लेट डली हैं. इसकी वजह से वह अब सालों तक चल नहीं पाएंगे. इसके बावजूद उनको अभी तक शासन की ओर से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है. ऐसे में वह अपनी पत्नी और दो बच्चों का पेट कैसे भरेंगे.


'अब कैसे होगा घर का गुजारा'
ईटीवी भारत को सीमा गुप्ता ने बताया कि पति के इस हादसे में घायल होने के बाद उनके सामने बहुत सारी परेशानी आ रही हैं. यहां तक कि उनके घर में चाय के लिए दूध आना भी बंद हो गया है. वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों ने दूध से दवाई देने के लिए बोला है. लेकिन जब घर के इकलौते कमाने वाले चारपाई पर लेट गए हैं तो वह कैसे अपने घर का गुजारा करेंगी.

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घायलों की आर्थिक मदद की जाए
इसीलिए उनकी मांग है कि जिस तरीके से सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए घोषणा की है. ऐसे ही घायलों के परिजनों के लिए भी जाएं. इसके साथ ही उनको डर सता रहा है कि अब आगे भी उनके पति का सरकार इलाज होगा या नहीं.

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