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'वित्त मंत्री की किसानों के लिए की गई घोषणाएं ऊंट के मुंह में जीरा' - Finance Minister announcement

वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रूपये की घोषणा की है. जिससे किसानों को सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जा सकें, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसानों से खास बातचीत की.

farmers reaction on 30 thousand crores rupees
किसानों के लिए घोषणा
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Published : May 15, 2020, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: किसानों के लिए की गई वित्त मंत्री की घोषणा पर किसानों का कहना है कि ये महज घोषणाएं हैं, इनका किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. अगर सरकार को किसानों को फायदा पहुंचाना था, जिस तरीके से कॉरपोरेट के लिए घोषणाएं की गई हैं. उसी तरीके से किसानों के लिए भी घोषणा की जाती तो किसानों को थोड़ी राहत मिलती.

ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत

किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की घोषणा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि इस पैकेज में हर एक वर्ग का हिस्सा है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विस्तार से इस राहत पैकेज के बारे में बताएंगी. इसीलिए वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की है. जिससे किसानों को सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जा सकें, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत



'नहीं है कोई राहत'


ईटीवी भारत को किसान वीरपाल ने बताया कि वित्त मंत्री की इस घोषणा से किसानों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. क्योंकि किसानों के क्रेडिट कार्ड पहले भी थे, ये तो बस किसानों को कर्जदार बनाने की बात है. किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है. सरकार को किसानों की ऐसी मदद करनी चाहिए थी, जैसे कि उद्योगपतियों, व्यापारियों और मजदूरों की है. इसीलिए वित्त मंत्री की किसानों के लिए की गई घोषणाएं ऊंट के मुंह में जीरा जैसी हैं.



'सरकार की महज घोषणाएं'

ईटीवी भारत को किसान चंद्रपाल ने बताया कि वित्त मंत्री ने 31 मई तक किसानों के लोन पर ब्याज माफी की जो घोषणा की है, ये सिर्फ मात्र एक घोषणा हैं. क्योंकि बैंक वाले ब्याज देने के लिए उन पर दबाव बनाते हैं. किसानों को पहले से ही 1 साल से गन्ने का भुगतान नहीं मिला है तो वो लोन लेकर सरकार को कर्ज वापसी कैसे करेगा.



'सम्मान निधि का पैसा बढ़ाए सरकार'

जलालपुर रघुनाथपुर के पूर्व प्रधान सुशील का कहना है कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है. सरकार ने सिर्फ कॉरपोरेट के लिए किया है, उनको 5 साल तक के लिए लोन दिया है. जिसमें उनको 1 साल तक ईएमआई भी नहीं देनी है. तो इसलिए सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि सरकार को किसान के क्रेडिट कार्ड का ब्याज माफ करना चाहिए था, या फिर किसानों को दी जा रही सम्मान निधि का सरकार को पैसा बढ़ाना चाहिए था. जिससे कि किसानों को राहत मिलती.


इसके साथ ही पूर्व प्रधान का कहना है कि सरकार को किसानों की फसलों का वाजिब दाम देना चाहिए, जिससे कि उनको कर्जा लेने की जरूरत ही ना पड़े. वित्त मंत्री ने जो घोषणाएं की हैं अगर वे धरातल पर उतरती हैं तो ही उनको इनका लाभ मिल पाएगा.



'सरकार माफ करें किसानों का ब्याज'

वित्त मंत्री की घोषणा पर किसान सोबीर सिंह का कहना है कि सरकार ने जो किसानों को लोन देने की घोषणा की है. वो तो कभी भी ले सकते हैं. लेकिन वो सरकार के इस लोन को कैसे चुकाएंगे क्योंकि उनको उनके गन्ने की फसल की कीमत 1 साल बाद मिलती है.

नई दिल्ली: किसानों के लिए की गई वित्त मंत्री की घोषणा पर किसानों का कहना है कि ये महज घोषणाएं हैं, इनका किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. अगर सरकार को किसानों को फायदा पहुंचाना था, जिस तरीके से कॉरपोरेट के लिए घोषणाएं की गई हैं. उसी तरीके से किसानों के लिए भी घोषणा की जाती तो किसानों को थोड़ी राहत मिलती.

ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत

किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की घोषणा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि इस पैकेज में हर एक वर्ग का हिस्सा है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विस्तार से इस राहत पैकेज के बारे में बताएंगी. इसीलिए वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की है. जिससे किसानों को सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जा सकें, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसानों से की खास बातचीत



'नहीं है कोई राहत'


ईटीवी भारत को किसान वीरपाल ने बताया कि वित्त मंत्री की इस घोषणा से किसानों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. क्योंकि किसानों के क्रेडिट कार्ड पहले भी थे, ये तो बस किसानों को कर्जदार बनाने की बात है. किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है. सरकार को किसानों की ऐसी मदद करनी चाहिए थी, जैसे कि उद्योगपतियों, व्यापारियों और मजदूरों की है. इसीलिए वित्त मंत्री की किसानों के लिए की गई घोषणाएं ऊंट के मुंह में जीरा जैसी हैं.



'सरकार की महज घोषणाएं'

ईटीवी भारत को किसान चंद्रपाल ने बताया कि वित्त मंत्री ने 31 मई तक किसानों के लोन पर ब्याज माफी की जो घोषणा की है, ये सिर्फ मात्र एक घोषणा हैं. क्योंकि बैंक वाले ब्याज देने के लिए उन पर दबाव बनाते हैं. किसानों को पहले से ही 1 साल से गन्ने का भुगतान नहीं मिला है तो वो लोन लेकर सरकार को कर्ज वापसी कैसे करेगा.



'सम्मान निधि का पैसा बढ़ाए सरकार'

जलालपुर रघुनाथपुर के पूर्व प्रधान सुशील का कहना है कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है. सरकार ने सिर्फ कॉरपोरेट के लिए किया है, उनको 5 साल तक के लिए लोन दिया है. जिसमें उनको 1 साल तक ईएमआई भी नहीं देनी है. तो इसलिए सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि सरकार को किसान के क्रेडिट कार्ड का ब्याज माफ करना चाहिए था, या फिर किसानों को दी जा रही सम्मान निधि का सरकार को पैसा बढ़ाना चाहिए था. जिससे कि किसानों को राहत मिलती.


इसके साथ ही पूर्व प्रधान का कहना है कि सरकार को किसानों की फसलों का वाजिब दाम देना चाहिए, जिससे कि उनको कर्जा लेने की जरूरत ही ना पड़े. वित्त मंत्री ने जो घोषणाएं की हैं अगर वे धरातल पर उतरती हैं तो ही उनको इनका लाभ मिल पाएगा.



'सरकार माफ करें किसानों का ब्याज'

वित्त मंत्री की घोषणा पर किसान सोबीर सिंह का कहना है कि सरकार ने जो किसानों को लोन देने की घोषणा की है. वो तो कभी भी ले सकते हैं. लेकिन वो सरकार के इस लोन को कैसे चुकाएंगे क्योंकि उनको उनके गन्ने की फसल की कीमत 1 साल बाद मिलती है.

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