नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक समान मुआवजे की मांग को लेकर सैकड़ों किसान तकरीबन 14 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इन किसानों में जिला गाजियाबाद के भोजपुर ब्लॉक और मुरादनगर ब्लॉक के किसान शामिल हैं. अपनी मांगों को लेकर किसानों ने बीते कुछ दिनों पहले मुरादाबाद गांव से जिला कलेक्ट्रेट के लिए भी पदयात्रा निकाली थी. जहां पर उनको अधिकारी द्वारा उनकी समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया गया था.
'किसानों को हर बार बहका रहा प्रशासन'
लेकिन प्रशासन द्वारा दिया गया समय बीत जाने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ. इससे नाराज किसानों ने आज सोमवार को मोदीनगर के राज चौपले से मोदीनगर तहसील परिसर तक घुटनों के बल चल कर अपना विरोध जताया है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी. वह दिन-रात तहसील परिसर में ही अपना डेरा डाले रहेंगे.
किसान नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य बबली गुर्जर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. किसान नेता गुर्जर ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार और सरकार के नुमाइंदो समेत प्रशासन के अधिकारी किसानों का खून चूसने का काम कर रहे हैं. एक समान मुआवजे की मांग को लेकर वे 14 महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उन्हें हर बार अधिकारियों द्वारा बहकाया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि आज वे मोदीनगर के राज चौपले से मोदीनगर तहसील तक घुटनों के बल चल कर आए हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं, वह तहसील परिसर से नहीं जाएंगे.
एक समान मुआवजे के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
किसान नेता बबली गुर्जर का कहना है कि प्रशासन ने एक ही गांव में तीन अलग-अलग रेटों पर मुआवजा देने का काम किया है. जो अधिकारियों ने पहले जमीन खरीद ली थी, उसका अधिक मुआवजा दिया गया है. वहीं गरीब किसानों की जमीन का कम मुआवजा दिया गया है. इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने मेरठ मंडल की कमिश्नर, सांसद, विधायक, केंद्रीय रोड परिवहन मंत्री के पीए समेत प्रशासन के आला अधिकारियों से बात की है. लेकिन उनकी अभी तक भी जायज मांग पूरी नहीं हुई है.