नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना संक्रमण एक बार फिर फैलने लगा है. कोरोना के मामले महाराष्ट्र, केरल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में फिर से बढ़ने लगे हैं. बुधवार को देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक बुलाई गई. दिल्ली में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. बीते दिन 536 नए मामले सामने आए थे. संक्रमण में फिर हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सीएम केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई है. दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है.
सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान मौजूद हैं. एक तरफ हर रोज सैकड़ों की संख्या में गांवों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचते हैं तो वहां दूसरी सैकड़ो किसान बार्डर से वापस गांवों को लौटते हैं. ऐसे में कोरोना का भी खतरा लगा रहता है.
गाजीपुर बार्डर पर कोरोना की रोकथाम को लेकर क्या कुछ इंतजाम किए जा रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत से बातचीत की.
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. बॉर्डर पर किसान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रख रहे हैं. हालांकि राकेश टिकैत ने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि किसानों पर भी कोरोना का खतरा बना हुआ है.
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कानून वापसी तक बॉर्डर पर बैठेगा किसान
टिकैत ने आगे कहा ऐसा लगता है जैसे सरकार लॉकडाउन लगाने के बारे में विचार कर रही है. लॉकडाउन लगता है तो इसका आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. किसान कहीं नहीं जाएगा कानून वापसी तक किसान बॉर्डर पर ही बैठा रहेगा. आंदोलन खत्म करने से कोरोना खत्म नही होगा. हम सरकार से मांग करेंगे कि कोरोना टीकाकरण के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर कैंप लगवाया जाए. टिकैत ने साफ कर दिया है कि बॉर्डर पर अगर कोरोना टीकाकरण का कैंप लगता है तो पहला टीका वह स्वयं लगाएंगे.