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नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, ऐसे बनाते थे सीमेंट - Fake cement maker arrested in Ghaziabad

गाजियाबाद में नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. जहां NTPC की फ्लाई ऐश और रेलवे यार्ड से निकली हुई खराब सीमेंट को मिलाकर नकली सीमेंट बनाई जा रही थी. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तार किया है.

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नकली सीमेंट बनाने वाली वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
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Published : Sep 28, 2021, 6:16 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में NTPC की फ्लाई ऐश और रेलवे यार्ड से निकली हुई खराब सीमेंट को मिलाकर नकली सीमेंट बनाई जा रही थी. पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी नकली सीमेंट को नामी कंपनी की सीमेंट की बोरियों में पैक करके मार्केट में सप्लाई करते थे. पुलिस को पता चला है कि हाल ही में निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता की वजह से कुछ हादसे हुए थे. उस निर्माण में इसी सीमेंट का इस्तेमाल किया गया था. इसलिए यह मामला बेहद चौंकाने वाला है.

नकली सीमेंट बनाने वाली वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
फ्लाई ऐश एक बारीक पाउडर होता है, जो बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने के बाद निकलता है. इसमें भारी धातु होते हैं. साथ ही पीएम 2.5 और ब्लैक कार्बन भी होते हैं. यह किसी को आसानी से नहीं मिल सकता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पकड़े गए तीनों आरोपियों को फ्लाईऐश कहां से मिल जाता था. पकड़े गए आरोपियों के नाम जयंती, विनोद और अनिल है, जो गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं.


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पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि आरोपियों को रेलवे यार्ड से निकला हुआ खराब सीमेंट कैसे हासिल होता था. फ्लाई ऐश और खराब सीमेंट को मिलाकर उपकरणों के माध्यम से नकली सीमेंट तैयार किया जाता था. जब पुलिस इनके नकली सीमेंट फैक्ट्री पर पहुंची तो वहां से 370 बोरी नकली सीमेंट और डेढ़ सौ से ज्यादा बोरी फ्लाई ऐश बरामद हुआ है.

अधिकारियों का खुद कहना है कि पूर्व में निर्माण कार्य की गुणवत्ता में खराबी के चलते कुछ हादसे हुए थे. उनमें इसी नकली सीमेंट का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है. हालांकि अभी पूरे मामले पर जांच पड़ताल की जा रही है, लेकिन सवाल यह है कि मार्केट में ये लोग कितना सीमेंट सप्लाई कर चुके थे. इस पर भी पुलिस जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें-आज पहुंचेगा शहीद जवान अमरीश त्यागी का पार्थिव शरीर, अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे ग्रामीण

नामी कंपनियों के सीमेंट की बोरियों में नकली सीमेंट भरा होने की बात सुनकर यह मामला बेहद संगीन हो जाता है. यानी जिस सीमेंट को हम एक ब्रांडेड सीमेंट समझकर अपने किसी निर्माण कार्य में लगा रहे हैं, उसको लेकर काफी सावधानी की जरूरत है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में NTPC की फ्लाई ऐश और रेलवे यार्ड से निकली हुई खराब सीमेंट को मिलाकर नकली सीमेंट बनाई जा रही थी. पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी नकली सीमेंट को नामी कंपनी की सीमेंट की बोरियों में पैक करके मार्केट में सप्लाई करते थे. पुलिस को पता चला है कि हाल ही में निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता की वजह से कुछ हादसे हुए थे. उस निर्माण में इसी सीमेंट का इस्तेमाल किया गया था. इसलिए यह मामला बेहद चौंकाने वाला है.

नकली सीमेंट बनाने वाली वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
फ्लाई ऐश एक बारीक पाउडर होता है, जो बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने के बाद निकलता है. इसमें भारी धातु होते हैं. साथ ही पीएम 2.5 और ब्लैक कार्बन भी होते हैं. यह किसी को आसानी से नहीं मिल सकता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि पकड़े गए तीनों आरोपियों को फ्लाईऐश कहां से मिल जाता था. पकड़े गए आरोपियों के नाम जयंती, विनोद और अनिल है, जो गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं.


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पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि आरोपियों को रेलवे यार्ड से निकला हुआ खराब सीमेंट कैसे हासिल होता था. फ्लाई ऐश और खराब सीमेंट को मिलाकर उपकरणों के माध्यम से नकली सीमेंट तैयार किया जाता था. जब पुलिस इनके नकली सीमेंट फैक्ट्री पर पहुंची तो वहां से 370 बोरी नकली सीमेंट और डेढ़ सौ से ज्यादा बोरी फ्लाई ऐश बरामद हुआ है.

अधिकारियों का खुद कहना है कि पूर्व में निर्माण कार्य की गुणवत्ता में खराबी के चलते कुछ हादसे हुए थे. उनमें इसी नकली सीमेंट का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है. हालांकि अभी पूरे मामले पर जांच पड़ताल की जा रही है, लेकिन सवाल यह है कि मार्केट में ये लोग कितना सीमेंट सप्लाई कर चुके थे. इस पर भी पुलिस जांच कर रही है.

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नामी कंपनियों के सीमेंट की बोरियों में नकली सीमेंट भरा होने की बात सुनकर यह मामला बेहद संगीन हो जाता है. यानी जिस सीमेंट को हम एक ब्रांडेड सीमेंट समझकर अपने किसी निर्माण कार्य में लगा रहे हैं, उसको लेकर काफी सावधानी की जरूरत है.

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