नई दिल्ली/गाजियाबाद: हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद मोदीनगर में बेटी सुरक्षा दल और वाल्मीकि समाज के लोगों ने अलग-अलग समय पर प्रदर्शन किया. लोगों ने कैंडल मार्च निकालते हुए हाथरस गैंगरेप के दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की.
हाथरस में 14 सितंबर को हुए गैंगरैप की पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद समाज में रोष है और लोग आरोपियों को फांसी देने की मांग करते हुए कैंडल मार्च निकाल रहे हैं.
मोदीनगर में बेटी सुरक्षा दल ने कैंडल मार्च निकाला. बेटी सुरक्षा दल के सदस्य डॉ एसके शर्मा ने कहा-
हमने कैंडल मार्च हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए निकाला है. हमारी मांग है कि चारों आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए.
वहीं बेटी सुरक्षा दल के संरक्षक सुनील शर्मा ने कहा-
हाथरस की बेटी के साथ जघन्य अपराध हुआ है. सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई और हत्या कर दी गई. हमारी सरकार से मांग है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. साथ ही हाथरस की बेटी को शहीद का दर्जा देते हुए परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.
वहीं वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ कैंडल मार्च निकालते हुए राष्ट्रीय परशुराम परिषद के शहर अध्यक्ष अरुण शर्मा ने भी रोष जताया. उनका आरोप है कि हाथरस मामले में चारों आरोपियों को योगी सरकार बचाने का काम कर रही है. अगर उनको सजा नहीं मिलती है, तो जनता 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वापस मठ भेजने का काम करेगी.
राष्ट्रीय परशुराम परिषद के शहर अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा-
योगी सरकार कहती थी कि बलात्कार के आरोपियों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे. योगी जी, पोस्टर छोड़िए आप पहले उन दरिंदों को फांसी की सजा दिलाने का काम करिए. नहीं तो 2022 में सरकार का तख्ता पलट होकर रहेगा.