नई दिल्ली/गाजियाबाद: लखीमपुर खीरी हिंसा केस में एसआईटी ने अहम खुलासे किए हैं. एसआईटी ने लखीमपुर जिला जज कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में कहा है कि किसानों को मारने के नीयत से ही गाड़ी चढ़ाई गई थी. एसआईटी का कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, न कि कोई हादसा.
वहीं, एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बयान जारी कर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग की है. धर्मेंद्र मलिक ने बयान जारी कर कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से एक बार फिर अपील करता है कि गृह राज्यमंत्री अजय टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए. सरकार अगर ऐसा नही करती है तो ये आधा अधूरा न्याय होगा जिसे किसान स्वीकार नही करेंगे. गृह राज्य मंत्री की गिरफ्तारी तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा.
एसआईटी ने सीजेएम के समक्ष आवेदन कर तिकुनिया में हुई हिंसा के 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के अंतर्गत धाराएं बढ़ाने का अनुरोध किया है. एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट में दिए गए आवेदन में बताया है कि लखीमपुर हिंसा की घटना सुनियोजित और जानबूझकर की गई थी.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में तीन अक्टूबर को हादसे के बाद उपजी हिंसा में तीन किसानों और एक पत्रकार की मौत के साथ ही तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और मंत्री के ड्राइवर की भी मौत हो गई थी. इस मामले में चार अक्टूबर को किसान जगजीत सिंह की तहरीर पर मुख्य आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर धारा 302, 304 आईपीसी समेत तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है.