नई दिल्ली/गाजियाबाद: वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया था. मामला गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके का था. जानकारी के अनुसार 14 तारीख को इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी. हालांकि जिला प्रशासन ने जांच रिपोर्ट में दावा किया था की करेहड़ा में लोगों के धर्मांतरण के बारे में कोई सुबूत नहीं मिले हैं.
बुधवार को गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और AAP नेता अमानतुल्लाह खान के द्वारा षड्यंत्र के तहत देश को जातियों दंगों में झोंकने और करहेड़ा गांव जैसी घटनाओं से देश को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
बीजेपी विधायक ने दोबारा लिखा गृह मंत्री को पत्र
शुक्रवार को एक बार फिर विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गृह मंत्री को पत्र लिखा है. पत्र में विधायक ने लिखा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, AAP सांसद संजय सिंह, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान द्वारा उत्तर प्रदेश में विदेशी ताकतों की मदद से अफवाह फैला कर जातीय हिंसा को बढ़ावा देकर देश को अस्थिर और उसकी छवि धूमिल करने की साजिश रची है. इसके लिए उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर तथ्यों का खुलासा किया जाना बहुत जरूरी हो गया है. जिससे देश को जातीय दंगों में झोंकने होने से बचाया जा सके.
'आप हिंदू धर्म में वापस मत जाना'
विधायक ने पत्र में लिखा है कि मोंटू वाल्मीकि द्वारा करहेड़ा मामले में नौकरी और धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात FIR में स्वीकार करना ही मेरे पिछले पत्र की पुष्टि है. विधायक ने पत्र में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने दिल्ली गए वाल्मीकि समाज के कुछ लोगों ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल ने उनसे कहा है कि आपको पैसा, मकान देने और अन्य मांग हम पूरी करेंगे. लेकिन आप वापस हिंदू धर्म में वापस मत जाना.
पत्र के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने पवन नाम के व्यक्ति को कहा कि अगर कुछ लोग विश्वासपात्र हैं तो उन्हें इस्लाम मजहब अपनाने के लिए तैयार करो. जिससे पूरे देश में संदेश जाएगा कि बीजेपी सरकारों में दलितों का उत्पीड़न हो रहा है और इससे हिंदुओं की एकता का विखंडन होगा. केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता से बेदखल करने का यही एक रास्ता है, क्योंकि बिना हिंदुओं की एकता तोड़े यह संभव नहीं है.