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Rapid Rail कॉरिडोर: मेट्रो और ISBT के करीब होगा आनंद विहार RRTS स्टेशन - undefined

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन जमीन से महज एक स्तर नीचे निर्मित हो रहा है. यह आरआरटीएस स्टेशन आरआरटीएस का एकमात्र ऐसा स्टेशन होगा, जो जमीनी लेवल से महज़ एक स्तर नीचे बनाया जा रहा है.

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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
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Published : Jul 13, 2022, 10:43 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन जमीन से महज एक स्तर नीचे निर्मित हो रहा है. यह आरआरटीएस स्टेशन आरआरटीएस का एकमात्र ऐसा स्टेशन होगा, जो जमीनी लेवल से महज़ एक स्तर नीचे बनाया जा रहा है. इस स्टेशन का यूनीक डिजाइन मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन की परिकल्पना को और मजबूत करेगा और एक परिवहन साधन से दूसरे परिवहन साधन में यात्रियों की निर्बाध और आसान आवाजाही सुनिश्चित करेगा.

परियोजना के प्रारंभिक विस्तृत रिपोर्ट में स्टेशन को जमीन से 15 मीटर नीचे बनाने की योजना थी. हालांकि, ऐसा करने में मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर की मौजूदा नींव आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण में आड़े आ रही थी. इसलिए आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन को आठ मीटर गहरे स्टेशन के रूप में फिर से डिजाइन किया गया और कॉनकोर्स लेवेल को जमीनी स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया.

रिडिजाइनिंग के बाद अब स्टेशन का निर्माण आनंद विहार के मौजूदा मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट के ठीक नीचे किया जा रहा है. निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग की दृष्टि से यह एक बहुत ही जटिल कार्य है, लेकिन यात्री सुविधा के लिए प्रतिबद्ध, एनसीआरटीसी नई तकनीकों, रणनीतिक योजना और नवीन तरीकों का उपयोग करके इसे संभव बना रहा है. स्टेशन का यह नया डिजाइन बुजुर्गों, बच्चों, विकलांगों और सामान लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी फायदेमंद होगा. उन्हें आरआरटीएस ट्रेनों को पकड़ने के लिए ज्यादा पैदल चलना या चढ़ना नहीं पड़ेगा.

मौजूदा परिवहन (मेट्रो, बसाड्डा आदि) बुनियादी ढांचे के करीब होने के कारण, आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन का नया कम्यूटर केंद्रित स्टेशन डिजाइन यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को सड़कों पर ना निकालना पड़े और वे परिवहन के एक साधन से दूसरे में निर्बाध रूप से जाने में सक्षम हों.

आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन 297 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा होगा. यात्रियों की सुविधा के लिए, इस स्टेशन पर 3 लिफ्ट (प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए 1 और मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए 2), 5 एस्केलेटर (3 प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए और 2 मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए), और 2 प्रवेश / निकास द्वार उपलब्ध कराए जाएंगे. एक प्रवेश द्वार चौधरी चरण सिंह मार्ग की ओर और दूसरा आनंद विहार रेलवे स्टेशन की ओर होगा.

परिवहन के अन्य साधनों से निकटता और कनेक्टिविटी

• मेट्रो - 50 मीटर दूर.

• स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) अंतरराज्यीय बस स्टैंड (ISBT)- 150 मीटर दूर.

• अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (दिल्ली सड़क परिवहन निगम (डीटीसी))- 150 मीटर की दूरी पर.

• कौशांबी में अंतरराज्यीय बस स्टैंड, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम- 100 मीटर की दूरी पर.

• आनंद विहार रेलवे स्टेशन- 200 मीटर दूर.

• वर्तमान में मेट्रो कॉम्प्लेक्स को चौधरी चरण सिंह मार्ग से जोड़ने के लिए एक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) है. आरआरटीएस स्टेशन को इससे जोड़ने के लिए लिफ्ट, सीढ़ियों और एस्केलेटर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन जमीन से महज एक स्तर नीचे निर्मित हो रहा है. यह आरआरटीएस स्टेशन आरआरटीएस का एकमात्र ऐसा स्टेशन होगा, जो जमीनी लेवल से महज़ एक स्तर नीचे बनाया जा रहा है. इस स्टेशन का यूनीक डिजाइन मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन की परिकल्पना को और मजबूत करेगा और एक परिवहन साधन से दूसरे परिवहन साधन में यात्रियों की निर्बाध और आसान आवाजाही सुनिश्चित करेगा.

परियोजना के प्रारंभिक विस्तृत रिपोर्ट में स्टेशन को जमीन से 15 मीटर नीचे बनाने की योजना थी. हालांकि, ऐसा करने में मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर की मौजूदा नींव आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण में आड़े आ रही थी. इसलिए आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन को आठ मीटर गहरे स्टेशन के रूप में फिर से डिजाइन किया गया और कॉनकोर्स लेवेल को जमीनी स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया.

रिडिजाइनिंग के बाद अब स्टेशन का निर्माण आनंद विहार के मौजूदा मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट के ठीक नीचे किया जा रहा है. निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग की दृष्टि से यह एक बहुत ही जटिल कार्य है, लेकिन यात्री सुविधा के लिए प्रतिबद्ध, एनसीआरटीसी नई तकनीकों, रणनीतिक योजना और नवीन तरीकों का उपयोग करके इसे संभव बना रहा है. स्टेशन का यह नया डिजाइन बुजुर्गों, बच्चों, विकलांगों और सामान लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी फायदेमंद होगा. उन्हें आरआरटीएस ट्रेनों को पकड़ने के लिए ज्यादा पैदल चलना या चढ़ना नहीं पड़ेगा.

मौजूदा परिवहन (मेट्रो, बसाड्डा आदि) बुनियादी ढांचे के करीब होने के कारण, आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन का नया कम्यूटर केंद्रित स्टेशन डिजाइन यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को सड़कों पर ना निकालना पड़े और वे परिवहन के एक साधन से दूसरे में निर्बाध रूप से जाने में सक्षम हों.

आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन 297 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा होगा. यात्रियों की सुविधा के लिए, इस स्टेशन पर 3 लिफ्ट (प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए 1 और मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए 2), 5 एस्केलेटर (3 प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए और 2 मेट्रो से कनेक्ट करने के लिए), और 2 प्रवेश / निकास द्वार उपलब्ध कराए जाएंगे. एक प्रवेश द्वार चौधरी चरण सिंह मार्ग की ओर और दूसरा आनंद विहार रेलवे स्टेशन की ओर होगा.

परिवहन के अन्य साधनों से निकटता और कनेक्टिविटी

• मेट्रो - 50 मीटर दूर.

• स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) अंतरराज्यीय बस स्टैंड (ISBT)- 150 मीटर दूर.

• अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (दिल्ली सड़क परिवहन निगम (डीटीसी))- 150 मीटर की दूरी पर.

• कौशांबी में अंतरराज्यीय बस स्टैंड, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम- 100 मीटर की दूरी पर.

• आनंद विहार रेलवे स्टेशन- 200 मीटर दूर.

• वर्तमान में मेट्रो कॉम्प्लेक्स को चौधरी चरण सिंह मार्ग से जोड़ने के लिए एक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) है. आरआरटीएस स्टेशन को इससे जोड़ने के लिए लिफ्ट, सीढ़ियों और एस्केलेटर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

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