नई दिल्ली/पलवल: जिले के सिहोल गांव में राजनेताओं और प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है. गांव का मुख्य रास्ता पिछले कई सालों से कच्चा पड़ा है. जिसके चलते घरों के बाहर हमेशा कीचड़ और जलभराव हुआ रहता है. इस जलभरवार से बरसात के मौसम में बिमारीयों के फैलने का भी भय बना हुआ है. इस रास्ते को बनाने के लिए पैसा भी हरियाणा सरकार के पूर्व पंचायत मंत्री और वर्तमान हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड के द्वारा भेजा गया था, लेकिन प्रशासन ने वो पैसा वापस मंगा लिया.
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में उनके घरों के आगे इतना कीचड़ और पानी भर जाता है कि घर से निकलना ही मुश्किल हो जाता है. घरों से गंदे पानी की निकासी ना होने के चलते पानी रास्तों में ही बह रहा है. रास्ते के दोनों तरफ नालीयां जाम हुई पड़ी हैं.
ग्रामीणों को कहना है कि पानी जमा होने से बीमारीयों के फैलने का भी भय बना हुआ है. ग्रामीण काम शुरू कराने की गुहार नेताओं और अधिकारीयों से लगा चुके है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है.
वहीं गांव सिहोल की महिला सरपंच सुमनलता ने बताया साल 2018 में गांव सिहौल के विकास के लिए 92 लाख रुपये पंचायत के खाते में दिया गया. पंचायत के खाते में पैसा आने के बाद पंचायत के द्वारा गांव में 40 लाख रुपये की लागत से विकास कार्य पूरे करा दिए गए, लेकिन गांव के 600 मीटर लंबे रास्ते पर जैसे ही पंचायत काम शुरू करा पाती. प्रसासन की तरफ से पंचायत को 2019 मे एक चिट्टी आई. जिसमें पूर्व पंचायत मंत्री और वर्तमान हरियाणा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ के द्वारा भेजे गए पैसे को पंचायत विभाग को वापस करने के आदेश दिए गए.
प्रशासन के आदेश पर गांव की पंचायत ने करीब साढ़े 52 लाख रुपये पंचायत विभाग को वापस कर दिया. पैसा वापस करने के बाद पंचायत और उन्हें उम्मीद थी की विभाग के द्वारा उनके रास्ते को बनाया जायेगा, लेकिन आज तक उनका रास्ता नहीं बन पाया है.