नई दिल्ली/फरीदाबाद: 5 सिंतबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिन सभी शिक्षकों के लिए बेहद खास होता है. शिक्षक दिवस पर हम कई अध्यापकों के किए गए अच्छे कार्यों के बारे में पढ़ते हैं. आज हम बाते कर रहे हैं समाज की सेवा के लिए कोविड-19 जैसी महामारी में भी काम करने वाली अविनाशा शर्मा नामक महिला टीचर की.
अविनाशा शर्मा, जिन्होंने कोरोना काल में भी छात्रों को पढ़ाना नहीं छोड़ा. स्कूल बंद थे, लेकिन अविनाशा शर्मा ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे हजारों बच्चों के भविष्य को संवारने का काम किया, जिनके लिए ऑनलाइन शिक्षा महज सपना है. अविनाशा शर्मा ने 50 से ज्यादा ई-लर्निंग ऐपिसोड तैयार किए, जिन्हें टीवी पर प्रकाशित किया गया और घर बैठे छात्रों ने पढ़ाई की.
टीवी के माध्यम से दी गई शिक्षा
अविनाशा शर्मा फरीदाबाद एनआईटी गर्ल्स स्कूल में अंग्रेजी की टीचर हैं. कोविड के दौरान जब स्कूल बंद कर दिए गए तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सामने पढ़ाई को लेकर संकट खड़ा हो गया. शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि वो किस तरह से बच्चों के सामने ई-लर्निंग को रखा जाए और बच्चों को उससे जोड़ा जाए, क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र गरीब परिवारों से आते हैं. ऐसे में उनके पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं होती. वहीं इन छात्रों को टीवी के माध्यम से पढ़ाई से जोड़ा गया.
इस कड़ी में अहम भूमिका निभाते हुए अविनाशा शर्मा ने 12 सदस्यों की टीम का नेतृत्व करते हुए अलग-अलग विषयों पर 50 से ज्यादा ऐपिसोड बनाए. जिनको ऐजुसेट और टीवी पर प्रकाशित किया गया. एक ऐपिसोड 30 मिनट का होता है. ऐपिसोड के लिए पूरी रिसर्च की जिम्मेदारी अविनाशा शर्मा के कंधों पर होती थी.
अविनाशा शर्मा 2016-17 में स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का इंडोनेशिया में नेतृत्व कर चुकी हैं. अविनाशा शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविड-19 के दौरान उनके सामने इस काम को पूरा कर पाना बहुत बड़ी चुनौती थी. उनका मानना है कि इस तरह से वो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़ने में कामयाब हो पाए. अविनाशा शर्मा को इस कार्य के लिए जिला प्रशासन के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है.