नई दिल्ली/पलवल: सेना में नायक पद पर तैनात पलवल के गांव सिहोल निवासी नरेंद्र कुमार का डयूटी के दौरान हृदय गति रुकने से निधन हो गया. शहीद के पार्थिक शरीर को बुधवार को पलवल के गांव सिहोल स्थित उनके निवास पर लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. मुखाग्नि शहीद नरेंद्र कुमार के पांच वर्षीय बेट धैर्य ने दी.
गांव सिहोल निवासी नरेंद्र कुमार ने एक जनवरी 2007 को सेना की नौकरी ज्वाइन की थी. जम्मू कश्मीर में डयूटी के दौरान 15 नवम्बर को करीब डेढ़ बजे हृदय गति रुकने से नरेंद्र कुमार की मौत हो गई. उनकी मौत की खबर सुनकर गांव में मातम छा गया. उनके पिता राम सिंह भी सेना में नायब सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए थे.
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उनके भाई सुशील की मृत्यु भी सेना में डयूटी के समय हृदय गति रुकने से हुई थी. अभी उनका एक भाई सेना में है और दूसरा भाई गांव में कृषि कार्यों को संभाल रहा है. नरेंद्र कुमार की 7 वर्षीय बेटी मानवी व 5 वर्षीय बेटा धैर्य है.
शहीद नरेंद्र कुमार के पिता नायब सूबेदार राम सिंह ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है कि देश की सेवा करते हुए वह शहीद हो गया. उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को अपने बेटे को सेना में भर्ती करना चाहिए. उन्होंने देश की सेवा के लिए अपने बेटों को सेना में भर्ती कराया. उनका जीवन भी देश की सेवा में बीता है.
सेना में तैनात हवलदार राकेश कुमार ने कहा कि अचानक तबीयत खराब होने की वजह से नायक नरेंद्र कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हृदय गति रुकने की वजह से उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि सर्विस के दौरान जवान की मौत होने पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है. सेना की तरफ से शहीद को पूरा मान सम्मान दिया जाता है.