नई दिल्ली/पलवल: लॉकडाउन के चलते पलवल जिला प्रशासन की ओर से गरीबों के लिए लाई गई खाद्य सामग्री करीब 11 दिन से पलवल के बाल भवन में रखी है. इतने दिनों से रखी सामग्री अभी तक गरीबों में नहीं बांटी गई. पलवल जिले के सामाजिक संगठनों और समाज सेवियों ने अपनी जेब से ही सरकार के राहत शिविरों और गरीबों तक राशन और भोजन पहुंचाया है. जिसकी वजह से सरकारी राशन धरा की धरा रह गया. अब ये राशन खराब होने की कगार पर है.
गरीबों को नहीं बांटा राशन
लॉकडाउन के चलते सरकार के आदेश पर जिला उपायुक्त कार्यालय से पलवल सब्जी मंडी स्थित परचून के थोक विक्रेता साधुराम संजय कुमार से 30 मार्च को राशन सामान के रेट लेने के बाद करीब साढ़े आठ लाख रुपये की कीमत के दो हजार पैकेट तैयार कराए ताकि वो राशन गरीब और जरूरतमंदों को बांटा जा सके.
प्रशासन के आदेश पर राशन के सामन के दो हजार पैकेट बनाकर दे दिए तथा बिल भी जिला उपायुक्त कार्यालय में जमा करा दिया. अब 10 अप्रैल को जब फर्म ने जिला प्रशासन से उस राशन के सामान के बिलों के राशि की मांग की गई तो प्रशासन की तरफ से उन पैकेटों को वापिस उठाने को बोल दिया. जिस पर मामला तूल पकड़ गया तथा पता चला कि 10 दिन पहले प्रशासन ने राशन का सामान खरीदकर बाल भवन के दो कमरों में बंद करके रखा हुआ. ये राशन गरीबों को नहीं बांटा गया है.
पलवल के विधायक दीपक मंगला का कहना है कि मुझे जानकारी मिली है. मैं इस बारे में उपायुक्त से बात करूंगा तथा यदि ऐसा कोई मामला है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा. सरकार की हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. प्रशासन की ओर से जरूरतमंदों तक पूरा राशन भिजवाया जाएगा. इस मामले में किसी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.