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नौकरी बहाली को लेकर फरीदाबाद में 131 दिन से धरने पर पीटीआई टीचर्स

फरीदाबाद में पीटीआई टीचर्स 131 दिन से धरने पर बैठे हैं. इन पीटीआई टीचर्स का कहना है कि सरकार की ओर से जब तक उनकी नौकरी को बहाल नहीं किया जाता, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे.

pti teacher on strike for 131 days in faridabad
पीटीआई टीचर धरना फरीदाबाद
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Published : Oct 16, 2020, 10:42 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: प्रदेशभर में पीटीआई टीचर्स लंबे समय से नौकरी बहाली की मांग को लेकर धरने पर हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है. फरीदाबाद सेक्टर-12 लघु सचिवालय के सामने पिछले 131 दिन से पीटीआई टीचर्स धरने पर हैं.

फरीदाबाद में 131 दिन से धरने पर पीटीआई टीचर्स

नौकरी बहाली को लेकर धरना दे रहे बृजेश नागर का कहना है कि उनका ये धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक की सरकार उनकी नौकरी को बहाल नहीं कर देती. उन्होंने कहा कि बोर्ड के माध्यम से साल 2010 में लगे थे और 10 साल सरकार को सेवा भी दी, लेकिन बोर्ड की कुछ कमियों के चलते कोर्ट के आदेश पर उनकी नौकरी छीन ली गई. उनका कहना है कि सरकार भी मानती है कि पीटीआई टीचर्स को बहाल कर दिया जाए, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया.

क्या है पूरा मामला ?

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई टीचर्स को प्रदेशभर में भर्ती किया गया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है. जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई टीचर्स की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: प्रदेशभर में पीटीआई टीचर्स लंबे समय से नौकरी बहाली की मांग को लेकर धरने पर हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है. फरीदाबाद सेक्टर-12 लघु सचिवालय के सामने पिछले 131 दिन से पीटीआई टीचर्स धरने पर हैं.

फरीदाबाद में 131 दिन से धरने पर पीटीआई टीचर्स

नौकरी बहाली को लेकर धरना दे रहे बृजेश नागर का कहना है कि उनका ये धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक की सरकार उनकी नौकरी को बहाल नहीं कर देती. उन्होंने कहा कि बोर्ड के माध्यम से साल 2010 में लगे थे और 10 साल सरकार को सेवा भी दी, लेकिन बोर्ड की कुछ कमियों के चलते कोर्ट के आदेश पर उनकी नौकरी छीन ली गई. उनका कहना है कि सरकार भी मानती है कि पीटीआई टीचर्स को बहाल कर दिया जाए, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया.

क्या है पूरा मामला ?

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई टीचर्स को प्रदेशभर में भर्ती किया गया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाकर चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है. जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई टीचर्स की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

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