नई दिल्ली/चंडीगढ़: फरीदाबाद नगर निगम पर गंभीर आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि फरीदाबाद नगर निगम ने 10 वार्डों में बिना विकास कार्य किए ही ठेकेदारों को करीब 50 करोड़ रुपए की पेमेंट कर दी है. जिसको लेकर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जांच की मांग की है.
बताया जा रहा है कि फरीदाबाद के 10 वार्ड़ों में विकास कार्य के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगी है और ठेकेदार को करोड़ों की पेमेंट कर दी गई है. इस बात का पता तब चला जब पार्षदों ने फाइनेंस विभाग से लिखित डिटेल मांगी. पार्षदों को फाइनेंस विभाग से मिली डिटेल में ठेकेदारों को केवल नालियों की रिपेयरिंग, टाइल बिछाने और स्लैब लगाने के लिए करोड़ों रुपए की पेमेंट की गई.
बताया जा रहा है कि ये पेमेंट निगम के जरनल फंड से की गई. जबकि गिगम के जरनल फंड में तो पैसे ही नहीं हैं. पार्षद दीपक चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ये बहुत बड़ा घोटाला है. जिसमें कई अफसर और ठेकेदारों ने मिलकर 40 से 50 करोड़ की पेमेंट डकार ली है. बताया जा रहा है कि फाइनेंस विभास से 2017 से 2019 तक के विकास कार्यों का ब्यारो मांगा गया था.
साथ ही ये भी पूछा गया था कि किस फंस से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई है. ये जानकारी फाइनेंस विभाग ने कुछ दिन पहले ही दी है. पार्षद दीपक चौधरी के वार्ड में 27 ऐसे कार्य हुए हैं. जिनमें एक करोड़ से ज्यादा की पेमेंट दिखाई गई है.
ये खर्च नालियों की रिपेरिंग. टाइल लगाना और स्लैब लगाने पर दिखाया गया है. लेकिन उनका मानना है कि आज तक ये कार्य उनके वार्ड में हुए ही नहीं हैं. वहीं जब उन्होंने दूसरे वार्डों के पार्षदों के बारे में पूछा तो वहां भी यही बात सामने आई. बताया जा रहा है कि 40 वार्डों में से 10 वार्ड ऐसे हैं. जहां विकास कार्य नहीं हुए हैं और ठेकेदार को पेमेंट कर दी गई है.