नई दिल्ली/पलवल: बिजली विभाग के सैकड़ों कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एक्सईएन आवास का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच कई बार टकराव की स्थिति भी बनी, लेकिन बावजूद इसके कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.
बाद में नायब तहसीलदार ने कर्मचारियों को उनकी मांगों पर विचार-विमर्श करने के लिए दो दिन का समय मांगा. नायब तहसीलदार से मिले आश्वासन के बाद कर्मचारी धरना खत्म कर अपने कामों पर वापस लौटे.
सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष और बिजली विभाग के सर्कल सचिव राजेश कुमार ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों की वजह आए दिन कर्मचारियों के साथ हादसे हो रहे हैं. जिसको लेकर वो कई बार विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है.
उनका कहना था कि 28 अगस्त को बिजली विभाग में ठेके पर काम करने वाले एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी. कर्मचारी कच्चे तालाब पर बिजली फॉल्ट को ठीक करते गया था, इसलिए वो मांग करते हैं कि उसके परिजनों को तुरंत प्रभाव से नियमानुसार विभाग की तरफ से 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए. इस हादसे में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई की भी जाए.
इसके साथ ही राजेश कुमार ने ये भी कहा कि विभागीय अधिकारियों ने ठेके पर करीब 12 सालों से काम कर रहे 31 कर्मचारियों को ये कहकर निकाल दिया कि उनके बोगस सर्टिफिकेट है, जबकि उनके कागजों की अधिकारियों ने कोई जांच नहीं की. उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मचारी मांग करते हैं कि उनके साथी 31 कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी पर रखा जाए.