नई दिल्ली: अनाज मंडी में लगी आग ने 43 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. अब इस घटना की एफआईआर गैर इरादतन हत्या के तहत दर्ज की गई है. इसमें बताया गया है कि किस तरह से इस हादसे की कॉल मिली और किस तरीके से पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया. किस मंजिल पर क्या सामान था. लोग कैसे बाहर नहीं निकल सके.
एफआईआर में दर्ज हैं यह बातें
गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत दर्ज इस एफआईआर में कहा गया है कि सुबह 5:22 बजे पीसीआर को कॉल मिली कि अनाज मंडी फिल्मीस्तान के पास सदर बाजार मकान में आग लगी है. घायल कोई है या नहीं अभी पता नहीं लग रहा है.
इस पीसीआर कॉल पर एसआई संदीप को भेजा गया. एसआई संदीप कुमार और एएसआई जगदीश घटनास्थल पर मकान नंबर 8273, अनाज मंडी पहुंचे, जहां कुछ देर बाद सिपाही अकबर भी अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचा. उसने देखा कि ग्राउंड फ्लोर के ऊपर 4 मंजिल इमारत बनी है, जिसकी दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर आग लगी हुई थी. बिल्डिंग की खिड़कियों से भी आग और धुआं निकल रहा था.
चार घंटे तक चला रेस्क्यू आपरेशन
सिपाही अकबर के बयान पर दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि घटनास्थल पर पीसीआर व फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ चुकी थी. आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा था. आग ज्यादा होने की वजह से ऑपरेशन में बहुत मुश्किल आ रही थी. ऐसे में घटनास्थल से ही उसने कंट्रोल रूम को कॉल करके अधिक से अधिक स्टाफ को घटनास्थल पर भेजने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को कहा.
कुछ ही समय में अन्य पुलिस बल के साथ एसएचओ मौके पर आ गए. यहां पर एंबुलेंस, डिजास्टर मैनेजमेंट और सिविल डिफेंस घटनास्थल पर आ गई. काफी प्रयास के बाद घायलों को अस्पताल में उपचार के लिए भिजवाया गया. लगभग 4 घंटे तक ऑपरेशन के बाद फायर ब्रिगेड द्वारा आग को पूरी तरह से काबू पा लिया गया.
अस्पताल से मिली 43 लोगों की मौत की जानकारी
एसएचओ के आदेश पर एसआई प्रवीण और एएसआई बलवंत को घायलों की संख्या पता करने के लिए एलएनजेपी अस्पताल, एएसआई वेद प्रकाश को लेडी हार्डिंग और हवलदार धर्मपाल को आरएमएल अस्पताल में भेजा गया. यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एएसआई संदीप कुमार और सिपाही नरेश को तबीयत बिगड़ने लगी, जिस पर दोनों को अस्पताल भेजा गया. वहां से पता चला कि अस्पताल पहुंचने वाले 43 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अन्य घायलों का उपचार किया जा रहा है.
ऐसा था बिल्डिंग का नजारा
एफआईआर के अनुसार इसके बाद मोबाइल क्राइम टीम उत्तरी जिला मौके पर पहुंची और अंदर निरीक्षण के लिए गई. अंदर नीचे भूतल पर गत्ते की सीट के बंडल रखे हुए थे.
पहली मंजिल पर शीशे के फ्रेम और गत्ते की सीट मिली. दूसरी मंजिल पर आग लगने के कारण शीशे के फ्रेम व गत्ते की सीट जली हुई अवस्था में मिली. तीसरी मंजिल पर सिलाई मशीन व कपड़े के जले हुए रोल पाए गए.
चौथी मंजिल पर बैग की सिलाई की मशीन तथा बैग बनाने का सामान जली हुई हालत में मिला. क्राइम टीम द्वारा घटनास्थल पर निरीक्षण किया और फोटोग्राफ लिए गए
अधिक तापमान के चलते नहीं हुई एफएसएल जांच
मौके पर रोहिणी से एफएसएल की टीम जांच के लिए नमूने उठाने पहुंची थी. घटनास्थल पर पहुंचकर उन्होंने बताया कि वहां गर्माहट अधिक होने के चलते नमूने अभी नहीं उठा सकते. इसके बाद अस्पताल पहुंची पुलिस टीम ने सभी एमएलसी हासिल की और यह एफआईआर दर्ज की.