नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत के साथ ही सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. मतदान में हिस्सा लेने के लिए शिक्षक 11 अगस्त शाम 5 बजे तक पंजीकरण करा सकते हैं.
वहीं 29 अगस्त को होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव के लिए एक बार फिर डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने मौजूदा अध्यक्ष राजीव रे को उम्मीदवार बनाया है. जबकि एनडीटीएफ ने ए के भागी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है.
'एडहॉक पर काम कर रहे शिक्षकों को करेंगे परमानेंट'
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. वहीं डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष उम्मीदवार राजीव रे ने कहा कि इस बार के शिक्षक संघ चुनाव में एडहॉक पर काम कर रहे शिक्षकों को परमानेंट नियुक्ति दिलाना बड़ा मुद्दा होगा.
साथ ही कहा कि काफी समय से रुके हुए प्रमोशन की प्रक्रिया को गति देना भी इस बार के अहम मुद्दों में शामिल है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस साल से लागू हो रहे ईडब्ल्यूएस कोटे के चलते किसी भी सामान्य वर्ग के शिक्षक को कोई नुकसान ना हो, इस बात का भी खासा ध्यान दिया जाएगा.
'एडहॉक पर काम कर रहे शिक्षकों को बनाएगें सिस्टम का हिस्सा'
वहीं प्रोफेसर राजीव ने कहा कि एडहॉक पर काम कर रहे शिक्षकों को सिस्टम का हिस्सा बनाना बहुत ही जरूरी है. उन्होंने कहा कि करीब साढ़े चार हजार शिक्षक एडहॉक पर काम कर रहे हैं.
सरकार को उन शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति पर जल्द से जल्द काम करना चाहिए. साथ ही कहा कि एडहॉक पर काम कर रहे शिक्षक एक लंबे अरसे से अपने पद पर कार्यरत हैं, साथ ही उनके पास सभी आवश्यक डिग्री भी हैं, सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन को उन्हें अपनाने की जरूरत है.
'10 साल से नहीं हुआ प्रमोशन'
प्रोफेसर राजीव रे ने कहा कि दस साल से ज्यादा हो गए लेकिन विश्वविद्यालय में कोई प्रमोशन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रमोशन एडहॉक और परमानेंट दोनों को आधार बनाकर करना होगा. साथ ही कहा कि इस बार पेंशन का मुद्दा भी रहेगा. उनकी भारत सरकार से कोर्ट में दायर हुई एसएलपी और न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेकर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग रहेगी.
पाठ्यक्रम संशोधन का हंगामा
पाठ्यक्रम संशोधन को लेकर चल रहे हंगामे पर प्रोफेसर ने कहा कि ये कोई एक विशेष वर्ग के लोग तय नहीं करेंगे कि छात्र क्या पढ़े या क्या नहीं पढ़े, बल्कि इसका फैसला विश्वविद्यालय की सर्वोच्च कमेटी अकादमिक काउंसिल में लिया जाएगा.
ये बात उन्होंने अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम संशोधन में हुए हंगामे को लेकर कही. साथ ही कहा कि ये मुद्दा भी इस बार के शिक्षक संघ चुनाव में अहम रहेगा.
इसके अलावा शिक्षक संघ का चुनाव सुचारू रूप से कराने के लिए पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर उज्जवल सिंह को चुनाव अधिकारी बनाया गया है.