नई दिल्ली: एमसीडी की सत्ता पर यूँ तो बीजेपी डेढ़ दशक से काबिज़ है, लेकिन इस बार उसे आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलने वाली है. इस वजह से चौथी बार एमसीएडी की सत्ता की राह आसान नही दिख रही है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर झुग्गी सम्मान यात्र शुरू की गई है, लेकिन क्या इन झुग्गियों में रहने वालों को ऐसा लगता है कि इस यात्रा से उनके सम्मान या जीवन पर वाकई कोई फर्क पड़ेगा, जिस मोती नगर विधानसभा इलाके के जवाहर कैम्प से इस सम्मान यात्रा शुरू हुई वहां के लोगों का साफतौर पर कहना है कि यहां साफ सफाई तो होती नही, नालियां खुली और भरी रहती हैं, उसे तो देखने कोई आता नही. पार्षद जीतने के बाद कभी आयी नहीं तो इस सम्मान यात्रा से क्या बदलेगा, कुछ भी नही.
लोगों का कहना है एकबार मनोज तिवारी भी ऐसी ही एक यात्रा पर यहां आए थे, जब वे दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष थे. उसके बाद भी कोई बदलाव नही हुआ तो अब क्या होगा. ये सब चुनावी स्टंट है और कुछ नही. यात्रा होनी थी तो थोड़ी सफाई हो गयी, वरना कोई झांकने नही आता. गलियों में गंदा पानी भरा रहता है. लोग यूं ही परेशान रहते हैं. ऐसे में ऐसी यात्रा से कुछ नही बदलने वाला. लोगों का ये भी आरोप है कि कोरोना में तो कोई नेता किसी पार्टी का आया नही और अब नए-नए नेता उग आए हैं
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राजधानी के अलग-अलग इलाकों में बसी सैकड़ों झुग्गियों में लगभग 40 लाख लोग रहते हैं, जो बहुत बड़ा वोटबैंक है और ये बात सभी पार्टियों को पता है. अभी बीजेपी ने झुग्गी सम्मान यात्रा की शुरुआत की और इस यात्रा से वो झुग्गीवालों को केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को बताएगी. दूसरी राजनीतिक दल भी इन झुग्गीवालों की बेहतरी के दावे करने पहुंचेंगे, लेकिन इन झुग्गी में रहने वालों का साफतौर पर कहना है कि वो दिन गए जब बेवकूफ बनाकर उनके वोट ठग लिए जाते थे,अब तो वे उसी की मदद करेंगे, जो असल मे इन झुग्गीवालों के लिए काम करेगा. मतलब साफ है इस यात्रा के बावजूद बीजेपी की चुनावी पनघट की डगर पार करना कठिन है.