नई दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) द्वारा कड़कड़डूमा स्थित IMA ईडीबी भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के सहयोग से बुधवार को डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया रोग की उत्पत्ति और रोकथाम के संबंध में सीएमई अर्थात सतत चिकित्सा शिक्षा के लिए सेमीनार का आयोजन किया गया. इस मौके पर स्थायी समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पंवार तथा शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र की वार्ड समिति अध्यक्ष हिमांशी पांडे; उपाध्यक्ष बबिता खन्ना; पार्षद संदीप कपूर मौजूद थे.
उनके अलावा निदेशक अस्पताल प्रशासन डाॅ. मुकेश कुमार, अतिरिक्त निगम स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ. अजय हांडा, उप-स्वास्थ्य अधिकारी मुख्यालय, डाॅ. अजय कुमार, उप-स्वास्थ्य अधिकारी, शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र, डाॅ. संतोष तोमर तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, ई.डी.बी के सेकेट्ररी अध्यक्ष डाॅ. गौतम सिंह एवं उपाध्यक्ष, डाॅ. ग्लेडबिन त्यागी भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में आई.एम.ए ईडीबी ने डाॅ. संतोष तोमर को चिकित्सा रत्न अवार्ड भी दिया.
स्थायी समिति के अध्यक्ष ने सभागार में मौजूद सभी डाॅक्टरों को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि जनता को स्वास्थ्यजनक परिस्थितियां मुहैया करवाना प्राथमिक आवश्यकता है और आज के दौर में हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें : EDMC के स्वास्थ्य समिति की बैठक, धार्मिक स्थलों के पास चल रहे अवैध मीट शॉप पर करवाई की मांग
इस मौके पर मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया के बारे में बोलते हुए डाॅ. संतोष तोमर ने कहा कि बदलते मौसम के बीच उनके सामने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों को काफी सजग रहने की जरूरत है. डाॅ. संतोष तोमर ने बताया कि कोरोना के बाद से लोगों के शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर हुई है. ऐसे में अगर किसी दूसरी बीमारी का अटैक होता है तो परेशानी बढ़ सकती है.
ये भी पढ़ें : सफाई व्यवस्था में खामियां मिलने पर महापौर ने सेनेटरी गाइड को निलंबित करने के दिए निर्देश
डाॅ. के के जानी ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के बारे में नये अपडेट्स के बारे में विस्तार से बताया तथा डाॅ. प्रवीण प्रभाकर ने मच्छर जनित बीमारियों तथा कोविड-19 के बारे में नयी जांच के बारे में जानकारी सांझा की. सेमीनार में बताया गया कि आमतौर पर डेंगू को इतना खतरनाक बीमारी नहीं माना जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज शुरू किया जाए तो बहुत ही जल्द मरीज ठीक हो जाता है। मगर पहले से मरीज किसी बीमारी का शिकार है या हाल फिलहाल में किसी बीमारी से ठीक हुआ है तो ऐसे स्थिति में मरीज के लिए डेंगू का डंक जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें जाये।