नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के नर्मदा अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए ने पर्यावरण संरक्षण की ओर एक अनोखी पहल की है. जिसके तहत उन्होंने आरडब्लूए में ही एक विभाग हॉर्टिकल्चर का बना दिया है, जो कॉलोनी और पार्कों में पेड़ पौधों का ख्याल रखेगी. इसके अलावा कॉलोनी और पार्क के पेड़-पौधों से गिरने वाली पत्तियों को एकत्रित कर उनसे प्राकृतिक खाद बनाने का काम किया जाएगा.
वहीं इसको लेकर आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष पुष्कर सिन्हा ने बताया कि प्रकृति जो हमें देती है, हम उसे वही लौटाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे संतुलन बना रहे और पर्यावरण का संरक्षण भी हो सके.
पर्यावरण संरक्षण की ओर एक कदम
पर्यावरण संरक्षण की ओर से कंपोस्ट बनाने की पहल करने वाले नर्मदा अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए ने हॉर्टिकल्चर का एक पूरा विभाग ही बना दिया है. वहीं इस विभाग की सदस्य लक्ष्मी बताती है कि कॉलोनी में लगे पेड़-पौधों और पार्क में अक्सर फूल पत्तियां पेड़ो से झड़ कर नीचे गिर जाते हैं जिन्हें जला दिया जाता था.
इन पत्तियों को जलाने से धुंए के रूप में बहुत ज्यादा कार्बन निकलता था जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता था. ऐसे में गंदगी कम हो और पर्यावरण को नुकसान भी ना पहुंचे इसको लेकर यह पहल की गई है.
प्राकृतिक खाद से पौधों की गुणवत्ता रहती है बरकरार
उन्होंने बताया कि पार्क में आकर बैठने वाले लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए जगह-जगह पिट बनाए गए हैं और पत्तियों की गुणवत्ता और प्राकृतिक खाद के बारे में भी विस्तृत जानकारी लिखी गई है. वहीं लक्ष्मी का कहना है कि केमिकल खाद डालने से पेड़ पौधों फल फूल पत्तियां सब की गुणवत्ता प्रभावित होती है लेकिन प्राकृतिक खाद डालने से पर्यावरण भी संरक्षित होता है और पेड़ पौधों की गुणवत्ता भी बनी रहती है.
उन्होंने बताया कि खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसमें ज्यादा समय ना लगे इसलिए अब जहां पत्तियों को इकट्ठा किया जा रहा है. उनमें माइक्रोब्स डालने की कवायद की जा रही है. इससे उन पत्तियों से जल्द से जल्द खाद तैयार की जा सकेगी.
'संतुलन बनाना जरूरी'
वहीं नर्मदा अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष पुष्कर सिन्हा ने बताया कि वेस्ट मटेरियल इकट्ठा करने के लिए जो पिट्स बनाए गए हैं. वह भी लोगों के घरों में बेकार पड़े सामान का प्रयोग कर बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी के घरों में कई ऐसे सामान निकलते हैं जिन्हें यदि बेकार समझकर यूं ही फेंक दिया जाए तो वह केवल कूड़ा करकट बनकर रह जाते हैं लेकिन आरडब्ल्यूए ने ऐसी कोशिश की है कि इनका इस तरीके से प्रयोग किया जाए जिससे यह पर्यावरण संरक्षण में सहायक सिद्ध हो.
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें इतना कुछ देती है तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि संतुलन बनाय रखने के लिए प्रकृति से जो हमें मिल रहा है उसी को हम प्रकृति को लौटा सकें. यही पहल का मुख्य उद्देश्य है. वहीं आरडब्ल्यूए अध्यक्ष पुष्कर सिन्हा ने बताया कि कॉलोनी में जितने भी पार्क है उन सभी पार्कों में ऐसी व्यवस्था की गई है.