नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में भारी कटौती की गई है. सचिव स्तर के अधिकारी व विभागाध्यक्ष से एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के अधिकार को वापस ले लिया है.
वित्त विभाग ने जारी किया आदेश
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग (बजट) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एक करोड़ तक के खर्च के लिए सचिव को वित्त विभाग से अनुमति लेना होगा. यदि किसी विभाग में एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाना है तो इसके लिए कैबिनेट से पूर्व अनुमति लेनी होगी, लेकिन सूचना व प्रसार विभाग पर कटौती संबंधी आदेश लागू नहीं होगा. यानी विज्ञापन संबंधित कार्य में इस आदेश का कोई असर नहीं होगा.
पहले था यह प्रावधान
पूर्व में 100 करोड़ तक के खर्च के लिए एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी से अनुमति का प्रावधान था, लेकिन अब एक करोड़ से ज्यादा खर्च करने के लिए ही कैबिनेट से अनुमति का प्रावधान किया गया है.
कोरोना संबंधी खर्च में कोई कटौती नहीं
विभागीय सचिव को कोरोना संबंधी किसी भी विषय में खर्च करने का अधिकार दिया गया है. सचिव को वेतन, मेडिकल भत्ते, स्टाफ, कार के रखरखाव, बिजली व टेलीफोन बिल, स्टेशनरी छोटे खर्च की अनुमति दी गई है. अस्पतालों के किचन में होने वाले खर्च पर भी संबंधित विभागीय सचिव को खर्च करने का अधिकार दिया गया है. किसी भी विभाग में ग्रांट इन एड संबंधी खर्च के लिए विभागीय सचिव को वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी.
बता दें कि कोरोना महामारी के समय दिल्ली सरकार को राजस्व से भारी नुकसान हो रहा है. गत वर्ष के मुकाबले दिल्ली सरकार को इस वर्ष काफी कम राजस्व की प्राप्ति हुई है. इसलिए यह आदेश सरकार ने जारी किया है.