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विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर कैलाश गहलोत को नोटिस जारी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोर्ट में विजेंद्र गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को नोटिस (Notice issued to Kailash Gehlot) जारी किया है. कोर्ट ने चार मार्च 2022 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Nov 24, 2021, 5:45 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में ट्रायल कोर्ट के समन के खिलाफ विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को नोटिस जारी किया. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने चार मार्च 2022 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने कैलाश गहलोत की ओर से दायर मानहानि याचिका (defamation petition) पर सुनवाई करते हुए विजेंद्र गुप्ता को समन जारी किया था. इस मामले में सात अक्टूबर को तीन अधिकारियों परिवहन सचिव आशीष कुंद्रा, नितिन अहलावत और केसी गुप्ता ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 30 सितंबर को कैलाश गहलोत ने अपना बयान दर्ज कराया था. एक सितंबर को कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था. सुनवाई के दौरान गहलोत की ओर से वकील एके ठाकुर ने कहा था कि विधायक विजेंद्र गुप्ता ने अपने बयानों से याचिकाकर्ता कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) की छवि को नुकसान पहुंचाया है. विजेंद्र गुप्ता ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए याचिकाकर्ता पर लिखित और मौखिक रूप से बेबुनियाद आरोप लगाए.

इसे भी पढ़ें: कैलाश गहलोत की मानहानि वाली याचिका पर ट्रायल कोर्ट से जारी समन के खिलाफ विजेंद्र गुप्ता पहुंचे हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया है कि विजेंद्र गुप्ता ने कैलाश गहलोत के खिलाफ पिछले आठ मार्च से ही लगातार गैरजिम्मेदाराना और झूठे आरोप लगा रहे हैं. वे सही सोचने वाले लोगों की आंखों में याचिकाकर्ता की छवि को खराब करने की मकसद से ये झूठे आरोप लगा रहे हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि विजेंद्र गुप्ता सोशल मीडिया के जरिये कैलाश गहलोत की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में ट्रायल कोर्ट के समन के खिलाफ विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को नोटिस जारी किया. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने चार मार्च 2022 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने कैलाश गहलोत की ओर से दायर मानहानि याचिका (defamation petition) पर सुनवाई करते हुए विजेंद्र गुप्ता को समन जारी किया था. इस मामले में सात अक्टूबर को तीन अधिकारियों परिवहन सचिव आशीष कुंद्रा, नितिन अहलावत और केसी गुप्ता ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 30 सितंबर को कैलाश गहलोत ने अपना बयान दर्ज कराया था. एक सितंबर को कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था. सुनवाई के दौरान गहलोत की ओर से वकील एके ठाकुर ने कहा था कि विधायक विजेंद्र गुप्ता ने अपने बयानों से याचिकाकर्ता कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) की छवि को नुकसान पहुंचाया है. विजेंद्र गुप्ता ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए याचिकाकर्ता पर लिखित और मौखिक रूप से बेबुनियाद आरोप लगाए.

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याचिका में कहा गया है कि विजेंद्र गुप्ता ने कैलाश गहलोत के खिलाफ पिछले आठ मार्च से ही लगातार गैरजिम्मेदाराना और झूठे आरोप लगा रहे हैं. वे सही सोचने वाले लोगों की आंखों में याचिकाकर्ता की छवि को खराब करने की मकसद से ये झूठे आरोप लगा रहे हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि विजेंद्र गुप्ता सोशल मीडिया के जरिये कैलाश गहलोत की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

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