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लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर सचिवालय को समय मिला - Deputy Speaker post of Lok Sabha

लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय को अपना पक्ष रखने के लिए समय दे दिया है.

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Published : Sep 30, 2021, 5:46 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय को अपना पक्ष रखने के लिए समय दे दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लोकसभा सचिवालय को 29 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

सुनवाई के दौरान लोकसभा सचिवालय की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. उन्होंने हाई कोर्ट से इस मामले पर कानूनी पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की.

कोर्ट ने एक सितंबर को लोकसभा सचिवालय और केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा से कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, आप निर्देश लें.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना मामला : दिल्ली हाई कोर्ट में एक दिसंबर तक सुनवाई टली

पवन रिले ने याचिका दायर कर कहा कि लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद दो साल से अधिक समय से खाली रखकर संविधान की धारा 93 का उल्लंघन किया गया है. 830 दिन बीत गए हैं, लेकिन डिप्टी स्पीकर नहीं चुना गया है. यह बहुत गंभीर मामला है. लोकसभा में प्रक्रिया और उसके कार्य संचालन के नियम 8 के तहत डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख तय करना लोकसभा के स्पीकर का प्राथमिक कर्तव्य है.

ये भी पढ़ें- जंतर मंतर पर भड़काऊ भाषण के आरोपी सुशील तिवारी की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस

याचिका में कहा गया है कि धारा 93 के तहत डिप्टी स्पीकर का चुनाव जितनी जल्दी हो, कराने की बात कही गई है. इसका मतलब ये नहीं है कि डिप्टी स्पीकर का चुनाव दो साल या उससे अधिक की अवधि तक बढ़ाई जा सकता है. डिप्टी स्पीकर के संवैधानिक पद के चुनाव में और देरी नियमों का उल्लंघन होगा.

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय को अपना पक्ष रखने के लिए समय दे दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लोकसभा सचिवालय को 29 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

सुनवाई के दौरान लोकसभा सचिवालय की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. उन्होंने हाई कोर्ट से इस मामले पर कानूनी पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की.

कोर्ट ने एक सितंबर को लोकसभा सचिवालय और केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा से कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, आप निर्देश लें.

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पवन रिले ने याचिका दायर कर कहा कि लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद दो साल से अधिक समय से खाली रखकर संविधान की धारा 93 का उल्लंघन किया गया है. 830 दिन बीत गए हैं, लेकिन डिप्टी स्पीकर नहीं चुना गया है. यह बहुत गंभीर मामला है. लोकसभा में प्रक्रिया और उसके कार्य संचालन के नियम 8 के तहत डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख तय करना लोकसभा के स्पीकर का प्राथमिक कर्तव्य है.

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याचिका में कहा गया है कि धारा 93 के तहत डिप्टी स्पीकर का चुनाव जितनी जल्दी हो, कराने की बात कही गई है. इसका मतलब ये नहीं है कि डिप्टी स्पीकर का चुनाव दो साल या उससे अधिक की अवधि तक बढ़ाई जा सकता है. डिप्टी स्पीकर के संवैधानिक पद के चुनाव में और देरी नियमों का उल्लंघन होगा.

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