ETV Bharat / city

आज है विश्व रेडियो दिवस, जानिए कैसे हुई शुरुआत

author img

By

Published : Feb 13, 2021, 11:56 AM IST

विश्व रेडियो दिवस प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को मनाया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है. यूनेस्को द्वारा 3 नवंबर 2011 को अपने 36 वें सम्मेलन के दौरान इस दिवस का निर्णय लिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो के माध्यम से ही 'मन की बात' के जरिए जनता से अपने विचार साझा करते हैं.

Know how World Radio Day started
रेडियो दिवस

नई दिल्ली: आज विश्व रेडियो दिवस है. रेडियो को लेकर आपकी कई यादें होंगी... किस्से होंगे और तजुर्बे भी होंगे. रेडियो बरसों बरस से हम सभी का साथी रहा है. भले ही स्मार्टफोन का दौर हो लेकिन रेडियो के प्रति लोगों की दीवानगी बरकरार है. जानते हैं विश्व रेडियो दिवस की खास बातें

क्या है इस दिन का महत्व

हर साल 13 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र विश्व रेडियो दिवस मनाता है. यूनेस्को द्वारा हर साल दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों को बुलाकर उनके साथ मिलकर इस दिवस मनाया जाता है. इसमें रेडियो से जुड़ी चर्चा के साथ ही साथ कई प्रोग्राम होते हैं. संचार और मनोरंजन के साधन के लिए रेडियो की अहमियत को बताया जाता है.

कब हुई रेडियो प्रसारण की पहली शुरुआत

24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी.

इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमेरिका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत की थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई.

कब से मनाया जा रहा है रेडियो दिवस

विश्व रेडियो दिवस का दिन निर्धारित करने के लिए सबसे पहले साल 2010 में स्पेन रेडियो एकेडमी द्वारा प्रस्ताव रखा गया था. साल 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में फैसला लिया गया कि हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाएगा.

इसके बाद यूनेस्को की महासभा में लिए गए इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा 14 जनवरी 2013 में मंजूरी मिल गई. तब से हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

रेडियो की लोकप्रियता बढ़ती ही गई

लोग रेडियो को आकाशवाणी के नाम से भी जानते थे.पहले एक फ्रिक्वेंसी 103.5 विविध भारती ही चला करता था.

लोग इसी के द्वारा दुनियाभर के समाचार, खबरें और गाने सुना करते थे. लेकिन रेडियो की लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि आज हम लोग के बीच कई फ्रिक्वेंसी रेडियो स्टेशन मौजूद हैं.

मनोरंजन के साथ ज्ञान का भी साधन रेडियो

रेडियो मनोरंजन के साथ ज्ञान का भी अच्छा साधन है. गानों, नाटक, कहानियों के साथ दुनियाभर की खबरें भी जानने को मिल जाती हैं. कई FM तो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, जन अभियान के साथ ही साथ शहर की साफ- सफाई, ट्रैफिक अवेयरनेस जैसे खास अभियान तक चलाते हैं. जिससे देश की जनता जागरूक हो रही है. मतलब रेडियो यानी सूचना, संचार और मनोरंजन का खजाना है.

नई दिल्ली: आज विश्व रेडियो दिवस है. रेडियो को लेकर आपकी कई यादें होंगी... किस्से होंगे और तजुर्बे भी होंगे. रेडियो बरसों बरस से हम सभी का साथी रहा है. भले ही स्मार्टफोन का दौर हो लेकिन रेडियो के प्रति लोगों की दीवानगी बरकरार है. जानते हैं विश्व रेडियो दिवस की खास बातें

क्या है इस दिन का महत्व

हर साल 13 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र विश्व रेडियो दिवस मनाता है. यूनेस्को द्वारा हर साल दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों को बुलाकर उनके साथ मिलकर इस दिवस मनाया जाता है. इसमें रेडियो से जुड़ी चर्चा के साथ ही साथ कई प्रोग्राम होते हैं. संचार और मनोरंजन के साधन के लिए रेडियो की अहमियत को बताया जाता है.

कब हुई रेडियो प्रसारण की पहली शुरुआत

24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी.

इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमेरिका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत की थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई.

कब से मनाया जा रहा है रेडियो दिवस

विश्व रेडियो दिवस का दिन निर्धारित करने के लिए सबसे पहले साल 2010 में स्पेन रेडियो एकेडमी द्वारा प्रस्ताव रखा गया था. साल 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में फैसला लिया गया कि हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाएगा.

इसके बाद यूनेस्को की महासभा में लिए गए इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा 14 जनवरी 2013 में मंजूरी मिल गई. तब से हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

रेडियो की लोकप्रियता बढ़ती ही गई

लोग रेडियो को आकाशवाणी के नाम से भी जानते थे.पहले एक फ्रिक्वेंसी 103.5 विविध भारती ही चला करता था.

लोग इसी के द्वारा दुनियाभर के समाचार, खबरें और गाने सुना करते थे. लेकिन रेडियो की लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि आज हम लोग के बीच कई फ्रिक्वेंसी रेडियो स्टेशन मौजूद हैं.

मनोरंजन के साथ ज्ञान का भी साधन रेडियो

रेडियो मनोरंजन के साथ ज्ञान का भी अच्छा साधन है. गानों, नाटक, कहानियों के साथ दुनियाभर की खबरें भी जानने को मिल जाती हैं. कई FM तो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, जन अभियान के साथ ही साथ शहर की साफ- सफाई, ट्रैफिक अवेयरनेस जैसे खास अभियान तक चलाते हैं. जिससे देश की जनता जागरूक हो रही है. मतलब रेडियो यानी सूचना, संचार और मनोरंजन का खजाना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.