नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की जज न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह (Justice Pratibha M Singh) को आईपी (Most Influential People) 2021 न्यायाधीशों की सूची में 50 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया है.
आईपी की वर्ष 2021 की लिस्ट में बौद्धिक संपदा कानून, नीति और व्यवसाय को संचालित करने वाले लोगों को शामिल किया गया है.
लिस्ट में 21 इंडस्ट्री लीडर, नौ सार्वजनिक अधिकारियों, नौ न्यायाधीशों, छह आईपी अधिकारियों और पांच उल्लेखनीय व्यक्तियों सहित 5 विभिन्न श्रेणियों के लोग शामिल हैं.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह (Justice Pratibha M Singh) लिस्ट में शामिल नौ न्यायाधीशों में से एक हैं. जस्टिस सिंह उस समिति का हिस्सा हैं, जिसने बौद्धिक संपदा मामलों से निपटने के लिए विशेष रूप से दिल्ली हाईकोर्ट आईपी डिवीजन (Delhi High Court IP Division) बनाने की सिफारिश की थी. इसे इस साल जुलाई में स्थापित किया गया था.
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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से संबंधित सभी मामलों से निपटने के लिए बौद्धिक संपदा प्रभाग (आईपीडी) की स्थापना की थी. आईपी बौद्धिक संपदा अधिकार विवादों पर मूल कार्यवाही, रिट याचिका (सिविल), सीएमएम, आरएफए, एफएओ से संबंधित है. इसमें डिवीजन बेंच द्वारा निपटाए या जाने लायक विवादों को शामिल नहीं किया गया है.कोर्ट ने बौद्धिक संपदा अधिकार प्रभाग नियम, 2021 का मसौदा भी प्रस्तावित किया था.
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जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह (Justice Pratibha M Singh) ने यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बैंगलोर (University Law College Bangalore) से पांच साल का लॉ कोर्स पूरा किया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) (University of Cambridge) में एलएलएम (LL.M) का अध्ययन करने के लिए उन्हें कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ ट्रस्ट (Cambridge Commonwealth Trust) द्वारा ओडीएएसएसएस स्कॉलरशिप (ODASSS scholarship) मिली. इसके बाद 1991 में उन्होंने बार में दाखिला लिया.
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बेंच में पदोन्नत होने से पहले वह भारत में एक प्रमुख बौद्धिक संपदा वकील थीं. उन्हें पेटेंट, ट्रेडमार्क, डिजाइन, कॉपीराइट, पौधों की किस्मों, इंटरनेट कानूनों आदि सहित आईपीआर कानूनों के सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक मामलों को संभाला. वह आईपीआर थिंक टैंक की सदस्य हैं. इसे भारत की पहली 'राष्ट्रीय आईपीआर नीति' का मसौदा तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था, जिसे मई, 2015 में जारी किया गया था.