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जमीयत उलेमा ने लिखा दिल्ली वक्फ बोर्ड चेयरमैन को पत्र, इमाम मोज्जीन को दी जाए पेंशन

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Published : Jan 15, 2021, 11:53 AM IST

दिल्ली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन के मौजूदा हालात को लेकर दिल्ली जमीयत उलेमा हिंद ने वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को एक पत्र लिखा. जिसमें मांग की है कि इमाम और मोज्जिन को भी रिटायरमेंट के समय पेंशन, वजीफा दिया जाए.

Jamiat Ulama Hind Delhi write a letter to Delhi wakf board for imams
महासचिव मौलाना जावेद कासमी सिद्दीकी

नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन के मौजूदा हालात को लेकर दिल्ली जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से एक पत्र दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को लिखा गया है. पत्र में महासचिव मौलाना जावेद कासमी सिद्दीकी ने मांग की है कि इमाम और मोज्जिन को भी रिटायरमेंट के समय पेंशन, वजीफा दिया जाए. साथ ही उनके बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए भी बोर्ड मदद करें. वहीं इमामों की आयु निर्धारित की जाए, ताकि वह क्वालिटी वर्क करते हुए अपने काम को अंजाम दे सके.

जमीयत उलेमा ने लिखा दिल्ली वक्फ बोर्ड चेयरमैन को पत्र

'विधवा को पेंशन दी जाए'

जमीयत उलेमा हिंद दिल्ली प्रदेश के महासचिव मौलाना जावेद कासमी सिद्दीकी ने बोर्ड के यरमैन अमानतुल्लाह खान को अहम बातों की तरफ ध्यान दिलाते हुए एक पत्र लिखा है. दिल्ली जमीयत की तरफ से लिखे पत्र में मांग की गई है कि अचानक से हादसे का शिकार होने वाले इमाम को न केवल मुआवजे के रूप में कुछ रकम अदा की जाए. साथ ही उनकी विधवा को पेंशन दी जाए. क्योंकि इमामत करना ही उनका एकमात्र जरिया होता है.

बोर्ड मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी बोर्ड उठाए. यह भी मांग की गई है कि मस्जिदों में इमामत करने वाले इमाम की आयु सीमा भी निर्धारित कि जाए. उनके रिटायर होने पर उनके बकाया जिंदगी के लिए एक मुश्त कुछ रकम भी वजीफे के तौर पर दी जाए, ताकि वह अपना जीवन यापन अच्छी तरह से कर सके.

Jamiat Ulama Hind Delhi write a letter to Delhi wakf board for imams
पत्र

'कई महीने की सैलरी भी लंबित'

गौरतलब है कि दिल्ली मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन को दिल्ली वक़्फ बोर्ड सैलरी देता है और कुछ निजी इमामों को भी सैलरी देने का ऐलान भी बोर्ड ने किया था. लेकिन महामारी कि वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से कुछ दिक्कतें आई और कई महीने की सैलरी भी लंबित हो गई.

ये भी पढ़ें:-दारुल इफ्ता के गठन पर बोले वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्य, कहा- हो सकता है फतवे का राजनीतिकरण

हालांकि हाल ही ने बोर्ड ने अपने इमामों की सैलरी तो से दी जबकि निजी इमामों की सैलरी अभी पेंडिंग है. फिलहाल देखना होगा कि जमीयत उलेमा के पत्र पर बोर्ड चेयरमैन कब तक ध्यान देते हैं और इमामों के लिए कोई ठोस व्यवस्था की जाती है.

नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन के मौजूदा हालात को लेकर दिल्ली जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से एक पत्र दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को लिखा गया है. पत्र में महासचिव मौलाना जावेद कासमी सिद्दीकी ने मांग की है कि इमाम और मोज्जिन को भी रिटायरमेंट के समय पेंशन, वजीफा दिया जाए. साथ ही उनके बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए भी बोर्ड मदद करें. वहीं इमामों की आयु निर्धारित की जाए, ताकि वह क्वालिटी वर्क करते हुए अपने काम को अंजाम दे सके.

जमीयत उलेमा ने लिखा दिल्ली वक्फ बोर्ड चेयरमैन को पत्र

'विधवा को पेंशन दी जाए'

जमीयत उलेमा हिंद दिल्ली प्रदेश के महासचिव मौलाना जावेद कासमी सिद्दीकी ने बोर्ड के यरमैन अमानतुल्लाह खान को अहम बातों की तरफ ध्यान दिलाते हुए एक पत्र लिखा है. दिल्ली जमीयत की तरफ से लिखे पत्र में मांग की गई है कि अचानक से हादसे का शिकार होने वाले इमाम को न केवल मुआवजे के रूप में कुछ रकम अदा की जाए. साथ ही उनकी विधवा को पेंशन दी जाए. क्योंकि इमामत करना ही उनका एकमात्र जरिया होता है.

बोर्ड मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी बोर्ड उठाए. यह भी मांग की गई है कि मस्जिदों में इमामत करने वाले इमाम की आयु सीमा भी निर्धारित कि जाए. उनके रिटायर होने पर उनके बकाया जिंदगी के लिए एक मुश्त कुछ रकम भी वजीफे के तौर पर दी जाए, ताकि वह अपना जीवन यापन अच्छी तरह से कर सके.

Jamiat Ulama Hind Delhi write a letter to Delhi wakf board for imams
पत्र

'कई महीने की सैलरी भी लंबित'

गौरतलब है कि दिल्ली मस्जिदों के इमाम और मोज्जिन को दिल्ली वक़्फ बोर्ड सैलरी देता है और कुछ निजी इमामों को भी सैलरी देने का ऐलान भी बोर्ड ने किया था. लेकिन महामारी कि वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से कुछ दिक्कतें आई और कई महीने की सैलरी भी लंबित हो गई.

ये भी पढ़ें:-दारुल इफ्ता के गठन पर बोले वक्फ बोर्ड के पूर्व सदस्य, कहा- हो सकता है फतवे का राजनीतिकरण

हालांकि हाल ही ने बोर्ड ने अपने इमामों की सैलरी तो से दी जबकि निजी इमामों की सैलरी अभी पेंडिंग है. फिलहाल देखना होगा कि जमीयत उलेमा के पत्र पर बोर्ड चेयरमैन कब तक ध्यान देते हैं और इमामों के लिए कोई ठोस व्यवस्था की जाती है.

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