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साइबर फ्रॉड में सोशल इंजीनियरिंग का तड़का, बुजुर्ग ने गंवाए एक करोड़ रुपये - इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस के नाम पर ठगी

साइबर अपराधियों ने इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस देने के नाम पर एक व्यक्ति से करोंड़ों रुपये की ठगी की. पीड़ित की शिकायत पर रोहिणी साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस मामले में साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि इस तरह की ठगी को सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड कहते हैं.

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साइबर एक्सपर्ट की सलाह
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Published : Jul 18, 2022, 3:31 PM IST

नई दिल्ली : इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस देने के नाम पर एक व्यक्ति से जालसाजों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ठग ली. यह रकम उनसे लगभग डेढ़ साल में ठगी गई. हर बार उन्हें बताया गया कि इंश्योरेंस पॉलिसी का बोनस बढ़ गया है और वह रुपए जमा कराते चले गए. आरोपियों ने उनका काम जल्दी कराने के लिए उनसे तीन मोबाइल भी तोहफे के रूप में लिए. उनकी शिकायत पर रोहिणी साइबर सेल ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि इस तरह की ठगी को सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड कहते हैं.

जानकारी के अनुसार शेर शेर सिंह परिवार सहित कंझावला के कराला गांव में रहते हैं. उन्हें अक्टूबर 2019 में सुषमा तिवारी नामक एक युवती ने फोन कर बताया कि वह आईजीएमएस मुंबई से बोल रही है. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कि उनकी पॉलिसी पर बोनस निकला है. इसके लिए उन्हें 8234 रुपये जमा कराने होंगे. इसके साथ ही उन्हें आधार कार्ड, कैंसिल चेक, पैन कार्ड और फोटो देनी होगी. अक्टूबर 2019 में उन्होंने सबसे पहले यह राशि उसके द्वारा बताए गए बैंक खाते में जमा कराई. इसके बाद उन्हें मुकेश मोहन नेगी ने यह कहते हुए कॉल किया कि उनके मामले में वह जांच अधिकारी है.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह
अलग-अलग फॉर्मेलिटी के नाम पर वह उनसे धीरे-धीरे रुपये लेने लगे. हर बार वह रकम जमा करा देते लेकिन उन्हें कोई बोनस नहीं मिला. उनसे आरोपियों ने जल्दी काम करवाने के लिए तीन कीमती मोबाइल भी लिए. इस तरीके से बीते डेढ़ साल में वह एक करोड़ रुपये से ज्यादा राशि अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा चुके हैं. इसके बाद भी उन्हें जब कोई बोनस नहीं मिला तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ. उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. रोहिणी साइबर सेल थाना पुलिस ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है.

ये भी पढ़ें : अंजान रिश्तेदार से ऑनलाइन पेमेंट को करें न, जानिये साइबर एक्सपर्ट की सलाह

साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि इंश्योरेंस का बोनस या उसे रिन्यू करने के नाम पर बड़ी संख्या में गैंग ठगी करते हैं. यह लोग थर्ड पार्टी से इस तरह का डाटा खरीदते हैं और फिर उन लोगों को कॉल कर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह से कोई भी इंश्योरेंस कंपनी अपने ग्राहक को कॉल नहीं करती है. ऐसे मामलों में देखा गया है कि लोग लालच में फंसकर जालसाजों की बात मानते हैं और बैंक में रुपए जमा करा देते हैं. इस प्रकार की ठगी को साइबर फ्रॉड की दुनिया में सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड कहा जाता है. ऐसे गैंग कई बार पकड़े गए हैं लेकिन लोगों के लालच का म फायदा उठाकर वह दोबारा सक्रिय हो जाते हैं. मोहित ने बताया कि यह गैंग थर्ड पार्टी कंपनी से इंश्योरेंस ग्राहक का डेटा लेते हैं ताकि उन्हें शिकार बना सके.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

  • इंश्योरेंस कंपनी या बैंक किसी प्रकार के बोनस के लिए आपको कॉल या मैसेज नहीं करते हैं, इसलिए ऐसी कॉल पर भरोसा न करें.
  • अगर आपको कोई ऑफर दे रहा है तो बैंक या इंश्योरेंस दफ्तर में जाकर उसकी छानबीन कर लें.
  • कॉल पर बताये गए किसी भी बैंक खाते में रुपये न जमा कराएं.
  • बैंक के नाम पर कोई लिंक भेजकर अगर आपसे रुपये मांगे तो तुरंत सावधान हो जाएं.
  • अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो www.cybercrime.gov.in पर मेल या हेल्पलाइन नंबर 155260 पर शिकायत कर सकते हैं.

नई दिल्ली : इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस देने के नाम पर एक व्यक्ति से जालसाजों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ठग ली. यह रकम उनसे लगभग डेढ़ साल में ठगी गई. हर बार उन्हें बताया गया कि इंश्योरेंस पॉलिसी का बोनस बढ़ गया है और वह रुपए जमा कराते चले गए. आरोपियों ने उनका काम जल्दी कराने के लिए उनसे तीन मोबाइल भी तोहफे के रूप में लिए. उनकी शिकायत पर रोहिणी साइबर सेल ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि इस तरह की ठगी को सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड कहते हैं.

जानकारी के अनुसार शेर शेर सिंह परिवार सहित कंझावला के कराला गांव में रहते हैं. उन्हें अक्टूबर 2019 में सुषमा तिवारी नामक एक युवती ने फोन कर बताया कि वह आईजीएमएस मुंबई से बोल रही है. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कि उनकी पॉलिसी पर बोनस निकला है. इसके लिए उन्हें 8234 रुपये जमा कराने होंगे. इसके साथ ही उन्हें आधार कार्ड, कैंसिल चेक, पैन कार्ड और फोटो देनी होगी. अक्टूबर 2019 में उन्होंने सबसे पहले यह राशि उसके द्वारा बताए गए बैंक खाते में जमा कराई. इसके बाद उन्हें मुकेश मोहन नेगी ने यह कहते हुए कॉल किया कि उनके मामले में वह जांच अधिकारी है.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह
अलग-अलग फॉर्मेलिटी के नाम पर वह उनसे धीरे-धीरे रुपये लेने लगे. हर बार वह रकम जमा करा देते लेकिन उन्हें कोई बोनस नहीं मिला. उनसे आरोपियों ने जल्दी काम करवाने के लिए तीन कीमती मोबाइल भी लिए. इस तरीके से बीते डेढ़ साल में वह एक करोड़ रुपये से ज्यादा राशि अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा चुके हैं. इसके बाद भी उन्हें जब कोई बोनस नहीं मिला तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ. उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. रोहिणी साइबर सेल थाना पुलिस ने इस बाबत मामला दर्ज कर लिया है.

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साइबर एक्सपर्ट मोहित यादव ने बताया कि इंश्योरेंस का बोनस या उसे रिन्यू करने के नाम पर बड़ी संख्या में गैंग ठगी करते हैं. यह लोग थर्ड पार्टी से इस तरह का डाटा खरीदते हैं और फिर उन लोगों को कॉल कर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह से कोई भी इंश्योरेंस कंपनी अपने ग्राहक को कॉल नहीं करती है. ऐसे मामलों में देखा गया है कि लोग लालच में फंसकर जालसाजों की बात मानते हैं और बैंक में रुपए जमा करा देते हैं. इस प्रकार की ठगी को साइबर फ्रॉड की दुनिया में सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड कहा जाता है. ऐसे गैंग कई बार पकड़े गए हैं लेकिन लोगों के लालच का म फायदा उठाकर वह दोबारा सक्रिय हो जाते हैं. मोहित ने बताया कि यह गैंग थर्ड पार्टी कंपनी से इंश्योरेंस ग्राहक का डेटा लेते हैं ताकि उन्हें शिकार बना सके.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

  • इंश्योरेंस कंपनी या बैंक किसी प्रकार के बोनस के लिए आपको कॉल या मैसेज नहीं करते हैं, इसलिए ऐसी कॉल पर भरोसा न करें.
  • अगर आपको कोई ऑफर दे रहा है तो बैंक या इंश्योरेंस दफ्तर में जाकर उसकी छानबीन कर लें.
  • कॉल पर बताये गए किसी भी बैंक खाते में रुपये न जमा कराएं.
  • बैंक के नाम पर कोई लिंक भेजकर अगर आपसे रुपये मांगे तो तुरंत सावधान हो जाएं.
  • अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो www.cybercrime.gov.in पर मेल या हेल्पलाइन नंबर 155260 पर शिकायत कर सकते हैं.
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