नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को कोरोना वायरस और 1918 में आई एच1एन1 यानी स्पेनिश फ्लू पर शोध करने के निर्देश दिए हैं. यूजीसी ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस पर शोध के लिए विश्वविद्यालय और उससे जुड़े हर एक कॉलेज गांव का रुख करें, जिसमें पता लगाएं कि कोविड-19 को लेकर गांव के लोगों में कितनी जागरूकता है.
साथ ही इस पर भी शोध करें कि भारत ने 1918 में आए एच1एन1 यानी स्पेनिश फ्लू से कैसे पार पाया था. इसको लेकर सभी शिक्षण संस्थानों को फैकल्टी की 30 जून तक रिसर्च टीम तैयार कर उसकी जानकारी यूजीसी को देनी होगी. यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कोविड-19 पर शोध के लिए उनके आसपास के गांव का रुख करने का निर्देश दिया है. जिसमें सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने आसपास के चार-पांच गांव या गोद लिए हुए गांव का रुख कर सकेंगे.
यूजीसी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के इस समय में गांव में खतरा उतना नहीं जितना शहरों में है. आखिर इसका क्या कारण है, गांव किस तरह से खुद को सुरक्षित रख पाए हैं. इसी को लेकर विश्वविद्यालय शोध कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा. वहीं रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूजीसी ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताए हैं, जिसके तहत सबसे पहले यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कोविड-19 महामारी को लेकर गांव में जागरूकता कितनी है.
साथ ही इस महामारी के चलते गांव वालों के सामने किस तरह की चुनौतियां आई और उन्होंने उसका सामना कैसे किया. इसके अलावा गांव वालों ने क्या रणनीति बनाई और किस तरह के उपाय अपनाए जिससे संक्रमण को गांव से दूर रखा जा सके.
1918 की माहामारी पर भी होगा शोध
वहीं कोविड-19 के अलावा यूजीसी ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस बात पर भी शोध करने के लिए कहा है कि 1918 में आई महामारी स्पेनिश फ्लू का सामना भारत ने किस तरह किया था. इसको लेकर भी कुछ अहम बिंदू बताए गए हैं, जिसके तहत शोधकर्ता यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि इस महामारी के बाद भारत ने अपनी चरमरायी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए क्या उपाय अपनाए थे. शोध और अध्ययन करने के लिए डेडीकेटेड टीम गठित की जाएगी जो और 30 जून तक अपनी रिपोर्ट आयोग को भेजनी होगी.