नई दिल्ली : सोमवार को दिल्ली की सुल्तानपुरी में एक सामाजिक संस्था ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया. जिसमें बच्चों और महिलाओं को बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक किया गया.
बाल मजदूरी के खिलाफ बच्चों ने ड्राइंग और पेंटिंग्स बनाकर पैगाम दिया. महिलाओं ने बच्चों से बाल मजदूरी न कराने की शपथ ली. इस कार्यक्रम में भारी तादाद में महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे.
कार्यक्रम के दौरान बच्चों को बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक किया गया. पदाधिकारियों ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर बच्चे स्कूल जाएंगे तो एक सुरक्षित समाज का निर्माण होगा. बच्चे शिक्षित होंगे तो बाल मजदूरी अपने आप समाप्त हो जाएगी.
संस्था की कार्यकर्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि 2011 की जनगणना के मुताबिक बालश्रम के मामले में भारत पहले नंबर पर है. देश में 5 से 14 वर्ष की आयु के लगभग 10.1 मिलियन बच्चे बालश्रम में झोंक दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इन बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें. उनसे किसी भी तरह की बाल मजदूरी न करवाएं.
इस कार्यक्रम में हाजिर तमाम महिलाओं ने शपथ ली कि अपने बच्चों से बाल मजदूरी नहीं कराएंगी और आस-पास के लोगों को भी बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक करेंगी.