नई दिल्ली: मरीजों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रामा सेंटर में जल्द ही हेलीपैड बनाया जाएगा. आपको बता दें कि चिंताजनक हालत में जो मरीज होते हैं, उनको अभी दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर एंबुलेंस के जरिए लाया जाता है उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ट्रामा सेंटर पहुंचाया जाता है. लेकिन समय और मरीज को जल्द उपचार देने के लिए इस प्लानिंग को तैयार किया जा रहा है.
डीजीसीए ने दी हरी झंडी
बता दें कि एम्स ट्रामा सेंटर की छत पर हेलीपैड बनाया जाएगा और इसके लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. एम्स इसके लिए डीजीसीए से मिलकर परमिशन ले रहा है. बताया जा रहा है कि डीजीसीए के पास फाइल पहुंच चुकी है और उनकी तरफ से भी इस पर हामी भर ली गई है. जानकारी के मुताबिक दिसंबर तक इसके बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अगले साल के अंत तक एम्स ट्रामा सेंटर में हेलीपैड बनकर तैयार हो जाएगा.
हर साल 100 मरीज एयर एम्बुलेंस से आते हैं दिल्ली
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी दिल्ली में हर साल 100 से ज्यादा मरीज डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट से दिल्ली पहुंचते हैं. मरीज इस एयर एंबुलेंस के लिए चार से छह लाख रुपए तक देते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि एम्स ट्रामा सेंटर में 150 से 200 दुर्घटनाओं के मामले रोजाना आते हैं, जिसमें दस प्रतिशत मरीजों को तुरंत उपचार की जरूरत होती है.
फिलहाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल होगा जहां पर हेलीपैड बनाया जाएगा. देखने वाली बात होगी कि डीजीसीए की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद कब तक इसकी प्रक्रिया शुरू होती है और कब इसका फायदा मरीजों को मिल पाता है.